नयी दिल्ली, पांच मार्च वित्त मंत्रालय ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन आठ प्रतिशत की गिरावट के अनुमान से बेहतर रहेगा।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि महामारी के रुख में ठकराव तथा टीकाकरण शुरू होने के बाद अब आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही हैं।
आर्थिक मामलों के विभाग ने अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा कि विकसित देशों में कोविड-19 की नयी लहर और संक्रमण के नए प्रकार के बाद नए सिरे से लॉकडाउन लगाया गया है, जिससे वैश्विक उत्पादन में सुधार की रफ्तार कम हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोविड-19 के संक्रमण में गिराट के ग्राफ में हल्के ठहराव के बाद भी गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ी है और उपभोक्ताओं के आत्मविश्वास में सुधार नहीं डिगा है । टीकाकरण अभियान के बाद उपभोक्ताओं की धारणा सुधरी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सामाजिक दूरी एक सामाजिक टीके की तरह है। भारत और दुनिया में तेजी से पुनरुद्धार के लिए इसपर लगातार ध्यान दिया जाना चाहिए। कोविड-19 टीके के विकास के बाद कई बार इसे नजरअंदाज किया जाता है। लेकिन कोविड-19 के टीके के साथ सामाजिक टीका भी जरूरी है।
भारत हालांकि महामारी की दूसरी लहर से बचा हुआ है, लेकिन आठ राज्यों....महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। इससे एक बार फिर सामाजिक दूरी का महत्व सामने आया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में महामारी के बाद पहली बार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सकारात्मक हुई है। इससे धारणा बेहतर हुई है। ऐसे में चालू वित्त वर्ष के अंत तक गतिविधियां जीडीपी के दूसरे अग्रिम अनुमान के आकलन की तुलना में बेहतर रहेंगी। इसमें कहा गया है कि रिजर्व बैंक के तीसरी तिमाही के औद्योगिक परिदृश्य सर्वे से भी इस धारणा की पुष्टि होती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर सकारात्मक रहेगी।
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