सिंगापुर, 29 सितंबर सिंगापुर में सार्वजनिक आवासन संपत्ति की एक आवासीय इकाई को कई लोगों को किराये पर देने और छापों के दौरान किरायेदारों को पकड़े जाने से बचाने के लिए उन्हें सतर्क करने के आरोप में 23 वर्षीय एक भारतीय नागरिक को शासकीय गोपनीयता कानून के तहत दो आरोपों में दोषी ठहराते हुए 25 दिनों की कैद की सजा सुनाई गई है। मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई।
‘द स्ट्रेट टाइम्स’ की खबर के मुताबिक दमनदीप सिंह के खिलाफ एक और आरोप के तहत मामले पर भी विचार किया गया। सिंह अपनी किरायेदारी की अवधि खत्म होने के बाद इसी हथकंडे को अपनाकर कम से कम दो बार पकड़े जाने से बचा था।
सिंह, हाउसिंग एंड डेवलपमेंट बोर्ड (एचडीबी) के प्रवर्तन अधिकारी कालयारासन करुप्पया (55) से 2017 में उस वक्त मिला था, जब अधिकारी उस इकाई का निरीक्षण कर रहे थे जिसमें सिंह रह रहा था। बाद में वे मित्र बन गए और कभी-कभी फोन पर भी एक दूसरे से संपर्क किया करते थे।
सिंह बाद में एक दूसरी आवासीय इकाई में रहने लगा, जिसे उसने दूसरे लोगों को अवैध रूप से किराये पर दिया।
आवासीय इकाई में रहने वाले अधिकतम लोगों की सख्ंया के नियम को धता बता उस मकान में 12 से 13 लोग रहने लगे और प्रत्येक अवैध किरायेदार से हर महीने 200 सिंगापुरी डॉलर की रकम ली जाती थी।
आवासन संपत्ति के प्रबंधक के तौर पर काम करने वाले एचडीबी को उस इकाई में संदिग्ध रूप से ज्यादा लोगों के रहने और शोर-शराबे को लेकर शिकायत मिली थी। उसे ऐसी ही सूचना पुलिस से भी मिली थी जिसने पड़ोसियों की शिकायत पर वहां छापेमारी की थी।
सिंह को हालांकि अपने दोस्त कालयारासन के जरिये यह सूचना मिल गई की एचडीबी ने उसके घर पर आठ मई 2019 को औचक निरीक्षण की तैयारी की है। ऐसी ही सूचना उसे 10 सितंबर 2019 को भी छापे से पहले मिल गई थी।
खबर के मुताबिक सिंह ने अवैध रूप से रह रहे किरायेदारों को निरीक्षण से पहले ही वहां से हटा दिया, ऐसे में छापे के दौरान वहां ज्यादा भीड़ होने या कई लोगों को किराये पर रखे जाने के साक्ष्य नहीं मिले थे।
पुलिस से मिली सूचना के बारे में जब एचडीबी के अधिकारियों ने जब मकान मालिक को बताया तो उसके बाद सिंह की किरायेदारी खत्म कर दी गई और उसी महीने (सितंबर 2019 में) घर को खाली करा लिया गया।
यह अपराध तब सामने आया जब भ्रष्ट आचरण अन्वेषण ब्यूरो को पिछले साल जनवरी में कालयारासन द्वारा सिंह को सूचना दिए जाने के जानकारी मिली।
एचडीबी अधिकारी को भी शासकीय गोपनीयता कानून के तहत अपराध के लिये 25 दिन कैद की सजा पिछले महीने सुनाई गई।
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