नयी दिल्ली, 18 जून भारत और ब्रिटेन प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत सेवा क्षेत्र की कंपनियों के लिए समान व्यवहार चाहते हैं। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।
दोनों देश एफटीए के जरिये सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने पर विचार कर रहे हैं, जिसके लिए बातचीत 13 जनवरी, 2021 को शुरू हुई थी।
एफटीए पर इस साल जून तक कम से कम 10 दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है। दोनों पक्ष जल्द से जल्द बातचीत पूरी करना चाहते हैं।
अधिकारी ने कहा कि ब्रिटेन वित्तीय सेवा क्षेत्रों में गहरी दिलचस्पी दिखा रहा है, जबकि भारत शिक्षा और कुशल पेशेवरों की आवाजाही जैसे क्षेत्रों पर ध्यान दे रहा है।
एफटीए में सेवा के तहत एक दूसरे को सीमा शुल्क में कोई रियायत नहीं दी जाती है।
अधिकारी ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘‘प्रगति की समीक्षा करने, लंबित मुद्दों को सुलझाने और बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए उच्चस्तर पर नियमित बैठकें आयोजित की जाती हैं। अभी तक सेवा क्षेत्र में कुछ भी तय नहीं हुआ है।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘ब्रिटेन दुनिया का एक महत्वपूर्ण वित्तीय सेवा केंद्र है, इसलिए उनकी इसमें हमेशा रुचि होती है।’’ दोनों पक्षों ने उन सेवाओं की सूची का आदान-प्रदान किया है, जहां वे निर्यात को बढ़ावा देने के इच्छुक हैं।
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