संयुक्त राष्ट्र, दो जून संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बुधवार को भारत और स्वीडन की ‘इंडस्ट्री ट्रांजिशन’ ट्रैक के साथ काम करने के लिए सराहना की। इसका लक्ष्य 2050 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्टील और सीमेंट जैसे उद्योगों के साथ मजबूत प्रतिबद्धता स्थापित करना है।
चिली द्वारा आयोजित ‘क्लीन एनर्जी मिनिस्ट्रियल’ में गुतारेस ने कहा, ‘‘स्टील और सीमेंट जैसे क्षेत्रों में हमें सरकारों के संकल्प के मुताबिक 2030 के लिए तुरंत प्रामाणिक परियोजनाएं और वैश्विक प्रबंधन लक्ष्य की जरूरत है।’’
गुतारेस ने कहा, ‘‘मैं भारत और स्वीडन की प्रशंसा करता हूं जिन्होंने लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन के साथ काम किया। शून्य उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें हरसंभव प्रयास करना होगा।’’
‘लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन’ उन देशों और कंपनियों को एक मंच पर लाता है जो उद्योगों की तरफ से 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत और स्वीडन इंडस्ट्री ट्रांजिशन ट्रैक के अगुआ हैं। ये स्टील और सीमेंट उद्योग के साथ मिलकर मजबूत प्रतिबद्धता बना रहे हैं और नौवहन जैसे क्षेत्रों में भी ये सकारात्मक माहौल तैयार कर रहे हैं।
गुतारेस ने कहा कि स्टील, सीमेंट, नौवहन, विमानन, भू परिवहन और भवन जैसे क्षेत्रों में 2050 तक शून्य उत्सर्जन के लिए कार्य योजना जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर नौवहन सेक्टर कोई देश होता तो यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा ग्रीन हाउस उत्सर्जक होता... 2030 तक शून्य उत्सर्जन वाले पोतों का होना जरूरी है।’’
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस वर्ष अप्रैल में भारत-स्वीडन जलवायु पहल ‘लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन’ में शामिल होने के अमेरिका के निर्णय का स्वागत किया था और कहा था कि इससे पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने में सहयोग मिलेगा।
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