नयी दिल्ली, 19 सितंबर भारत और सऊदी अरब ने रुपये और रियाल में व्यापार को संस्थागत रूप देने की व्यवहार्यता तथा वहां यूपीआई (यूनिफाइंड पेमेंट इंटरफेस) और रूपे कार्ड पेश किये जाने पर चर्चा की है।
वाणिज्य मंत्रालय के सोमवार को जारी बयान के अनुसार, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के 18-19 सितंबर को रियाद यात्रा के दौरान अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गयी।
वह भारत-सऊदी अरब रणनीतिक भागीदारी परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठक में शामिल हुए।
गोयल और सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री शहजादा अब्दुलअजीज बिन सलमान अल-सऊद ने परिषद के तहत अर्थव्यवस्था और निवेश पर समिति की मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता की।
बयान के अनुसार, ‘‘व्यापार और वाणिज्य का दायरा बढ़ाने, व्यापार बाधाओं को दूर करने, सऊदी अरब में भारतीय औषधि उत्पादों के स्वत: पंजीकरण और विपणन मंजूरी, रुपये-रियाल व्यापार को संस्थागत बनाने की व्यवहार्यता, सऊदी अरब में यूपीआई और रुपे कार्ड की शुरुआत जैसे विषयों पर प्रमुख रूप से चर्चा हुई।’’
गोयल ने शहजादा अब्दुलअजीज बिन सलमान अल-सऊद के साथ दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा की।
मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गयी कि जलवायु परिवर्तन की संवेदशीलता के साथ ऊर्जा सुरक्षा कैसे आर्थिक वृद्धि और समृद्धि प्रदान कर सकती है।’’
मंत्रिस्तरीय बैठक में चार प्रमुख क्षेत्रों... कृषि और खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा प्रौद्योगिकी और आईटी तथा उद्योग एवं बुनियादी ढांचा के तहत तकनीकी दलों ने सहयोग के लिये 41 क्षेत्रों की पहचान की है।
बैठक में प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के समय पर क्रियान्वयन को लेकर भी सहमति जतायी गयी। साथ ही भारत में पश्चिमी तट रिफाइनरी, एलएनजी बुनियादी ढांचे में निवेश और रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारण सुविधाओं के विकास सहित संयुक्त परियोजनाओं में निरंतर सहयोग की बात दोहरायी गयी।
मंत्री ने एक अलग बैठक में दोनों देशों के एक्जिम (निर्यात-आयात) बैंकों के बीच संस्थागत गठजोड़, तीसरे देशों में संयुक्त परियोजनाओं, मानकों की आपसी आधार पर मान्यता और बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
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