जरुरी जानकारी | भारत, रूस को परपंरागत क्षेत्रों से आगे बढ़कर नये क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने की जरूरत: विदेश सचिव

मास्को, 18 फरवरी विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि भारत और रूस को परंपरागत क्षेत्रों से आगे बढ़ते हेएु रेलवे, परिवहन और लॉजिस्टक, औषधि, खनिज तथा इस्पात जैसे नये क्षेत्रों में सहयोग के जरिये अपने व्यापार और आर्थिक आदान-प्रदान को विविधीकृत बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

रूस के विदेश मंत्रालय के डिप्लोमैटिक एकेडमी द्वारा बुधवार को आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए श्रृंगला ने कहा कि भारत और रूस का व्यापार 2019-20 में 10.11 अरब डॉलर था जो क्षमता से कम है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल नरमी रही लेकिन हम इसमें फिर से तेजी लाने के रास्ते निकाल रहे हैं। दोनों देशों ने 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार को 30 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।’’

विदेश सचिव ने कहा कि व्यापार बढ़ाने के लिये उठाये जा रहे कदमों में से एक भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ (ईएईयू) मुक्त व्यापार समझौता है। इस पर पिछले साल अगस्त में बातचीत शुरू हुई।

उन्होंने कहा कि ‘हरित गलियारा’ और द्विपक्षीय निवेश संरक्षण व्यवस्था के परिचालन में आने के साथ क्रमश: द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

श्रृंगला ने कहा कि द्वपिक्षीय व्यापार के सौदों के निपटान के लिये राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग से लागत में कमी आएगी और साथ ही भुगतान फंसने का जोखिम कम होगा।

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