नई दिल्ली: भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) और चीन द्वारा हाल ही में एक संयुक्त प्रेस बयान में जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) का उल्लेख किये जाने को बृहस्पतिवार को दृढ़ता से खारिज किया और कहा कि केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) के साथ-साथ लद्दाख (Ladakh) उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा रहा है और रहेगा. Jammu and Kashmir: सीबीआई ने शस्त्र लाइसेंस जारी करने में अनियमितताओं के आरोप में जम्मू कश्मीर में कई जगह छापे मारे
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बयान में तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के उल्लेख पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह भारतीय क्षेत्र में है जिस पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है.
बागची ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘पहले की तरह, भारत जम्मू कश्मीर के किसी भी उल्लेख को स्पष्ट रूप से खारिज करता है. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा रहा है और रहेगा.’’
संयुक्त प्रेस बयान में सीपेक के उल्लेख पर प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने चीन और पाकिस्तान दोनों को लगातार बताया है कि तथाकथित सीपेक भारत के क्षेत्र में है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों में अन्य देशों द्वारा यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास का विरोध करते हैं और साथ ही पाकिस्तान द्वारा अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों में किसी भी भौतिक परिवर्तन का भी विरोध करते हैं. हम संबंधित पक्षों से इस तरह की कार्रवाइयों को रोकने का आह्वान करते हैं.’’
सीपेक चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का हिस्सा है. भारत बीआरआई का कड़ा विरोध करता रहा है क्योंकि 50 अरब अमरीकी डॉलर वाला यह गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है.
चीन के सिचुआन प्रांत के चेंगदू में चीनी विदेश मंत्री वांग यी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के बीच बातचीत के बाद पिछले शनिवार को पाकिस्तान-चीन प्रेस बयान जारी किया गया था. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी पक्ष ने चीन को जम्मू-कश्मीर में ‘बिगड़ती स्थिति’ के बारे में जानकारी दी.
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का लगातार प्रयास कर रहा है. अगस्त 2019 में नयी दिल्ली द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के निर्णय की घोषणा के बाद पड़ोसी देश ने भारत विरोधी अभियान चला रखा है.
भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है. भारत ने कहा है कि आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है.
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