नयी दिल्ली, छह अगस्त सरकार की असम में देश का 13वां जापानी औद्योगिक शहर बसाने की योजना है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरुप्रसाद मोहपात्रा ने बृहस्तिवार को कहा कि इसका मकसद घरेलू विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा और दोनों देशों के आर्थिक संबंधों का मजबूत करना है।
मोहपात्रा ने कहा कि विभाग देशभर के औद्योगिक क्षेत्रों और संकुलों के एक भौगोलिक सूचना प्रणाली से परिपूर्ण डेटाबेस पर कर रहा है।
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उन्होंने कहा, ‘‘देश के नौ राज्यों में 12 जापानी औद्योगिक बसावटें हैं, ऐसा 13वां औद्योगिक शहर असम में बनाने की योजना है। ये एकीकृत औद्योगिक पार्क होंगे जहां सीधे उद्योग स्थापित करने लायक बुनियादी सुविधा उपलब्ध होंगी। यहां विश्वस्तरीय बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ जापानी कंपनियों को पहले से मंजूरी प्राप्त लाइसेंस और निवेश प्रोत्साहन मिलेगा।’’
मोहपात्रा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘इंवेस्ट इंडिया एक्सक्लूसिव इंवेस्टमेंट फोरम-जापान संस्करण’ को संबोधित कर रहे थे।
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उन्होंने कहा कि भारत में जापानी कंपनियों और निवेशकों को पेश आ रही दिक्कतों को दूर करने लिए एक त्वरित प्रणाली पर काम किया जा रहा है। यह प्रणाली उनकी समस्याओं का समयबद्ध तरीके से प्रभावी समाधान करेगी।
मोहपात्रा ने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए भारत शून्य तरल अपशिष्ट जैसे नियामकीय प्रावधानों को हटा रहा है। इस बारे में 13 अगस्त को एक उच्च स्तरीय बैठक है जो देश की शून्य तरल अपशिष्ट नीति की समक्षा करेगी।
मोहपात्रा ने अप्रैल 2021 तक देश में एक निवेश मंजूरी प्रकोष्ठ बन जाने की भी उम्मीद जतायी जो कारोबारों को एक ही स्थान पर डिजिटल तरीके से सुविधाएं और समर्थन प्राप्त करेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में ऐसे प्रकोष्ठ को गठित करने का प्रस्ताव किया था।
इस कार्यक्रम में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उन्हें लगता है कि जापान और भारत को अपने व्यापा और कारोबारी संबंधों का विस्तार करना चाहिए। जापान भारत के अहम और सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक है। देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाला चौथा बड़ा देश है। दोनों देशों की यह मौजूदा साझेदारी प्रस्तावित ‘भारत-जपान औद्योगिक प्रतिस्पर्धा सहयोग’ कार्यक्रम से निश्चित तौर पर और मजबूत होगी।
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