भारत ने अमेरिका को अतिरिक्त 745 टन कच्ची चीनी के निर्यात को अनुमति दी
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नयी दिल्ली, 17 अप्रैल सरकार ने शुक्रवार को अमेरिका को शुल्क-दर कोटा टैरिफ-रेट कोटा (टीआरक्यू) के तहत अमेरिका को और 745 टन कच्ची चीनी के निर्यात की अनुमति दी है।

टीआरक्यू के तहत संबंधित देश में एक निश्यत मात्रा तक माल पर शुल्क कम/या नहीं लगता। उससे अधिक मात्रा पर शुल्क की साामन्य दर लागू होती है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा, ‘‘संयुक्त राज्य अमेरिका में टीआरक्यू के तहत, 30 सितंबर, 2020 तक के निर्यात के लिए कच्चे गन्ने की चीनी की अतिरिक्त 745 एमटीआरवी (मीट्रिक टन कच्चा मूल्य) मात्रा की अधिसूचना जारी की गयी है।’’

इसके साथ, भारत ने अमेरिकी वित्तीय वर्ष 2020 के दौरान टीआरक्यू के तहत वहां 9,169 टन कच्ची चीनी के निर्यात की अनुमति (मिलों को) दी है।

तीन सितंबर, 2019 तक 8,424 टन कच्ची चीनी के निर्यात की अनुमति दी गयी थी।

अमेरिकी वित्तीय वर्ष अक्टूबर से अगले वर्ष सितंबर माह तक चलता है।

भारत को तरजीही कोटा व्यवस्था के तहत अमेरिका में प्रतिवर्ष 10,000 टन चीनी के निर्यात पर शुल्क नहीं लगता है।

भारत को यूरोपीय संघ के साथ भी चीनी निर्यात के लिए तरजीही कोटा व्यवस्था की सुविधा उपलब्ध है।

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के अनुसार, भारत ने वर्ष 2019-20 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में 15 मार्च तक दो करोड़ 15.8 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जो कि एक साल पहले की समान अवधि के दो करोड़ 73.6 लाख टन के उत्पादन से कम है।

अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) के अनुसार, सरकार द्वारा निर्यात खेप को बढ़ावा देने के लिए सितंबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में भारत ने अब तक 28.68 लाख टन चीनी का निर्यात किया है।

भारत ने 58 देशों को चीनी का निर्यात किया है। कुल निर्यात का 65 प्रतिशत भाग, ईरान, सोमालिया, मलेशिया, श्रीलंका और अफगानिस्तान को निर्यात किया गया।

विपणन वर्ष 2018-19 में 38 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया था।

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