जरुरी जानकारी | भारत को दूरसंचार क्षेत्र में तीन निजी कंपनियों की जरूरत, सरकार से समर्थन की उम्मीद: एयरटेल सीईओ

नयी दिल्ली, चार अगस्त भारती एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्टल ने बुधवार को कहा कि भारत जैसे बड़े देश को दूरसंचार क्षेत्र में तीन निजी कंपनियों की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सरकार वित्तीय संकट से जूझ रहे उद्योग को राहत देने के लिए कदम उठाएगी।

विट्टल ने कहा कि एयरटेल ने अपने कुछ प्लान में हाल में बदलाव किया है। यह प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम है, जो इस समय "काफी कम" है।

उन्होंने साथ ही कहा कि पहले से ही बाजार में अच्छी स्थिति में बनी हुई कंपनी शायद एकतरफा रूप से विस्तृत शुल्क संशोधन और ग्राहकों को खोने एवं प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने का कोई जोखिम नहीं उठाये।

विट्टल ने उच्चतम न्यायालय द्वारा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) संबंधित बकाये की पुनर्गणना की मांग से जुड़ी दूरसंचार कंपनियों की याचिका खारिज करने के मुद्दे पर कहा कि एयरटेल नतीजे से "निराश" है लेकिन कंपनी ने भारी भुगतान के लिए प्रावधान किया है और अगले कुछ वर्षों के लिए अपने दायित्वों को पूरा करते हुए पहले ही 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान कर चुकी है।

उनकी ये टिप्पणियां वोडाफोन आइडिया के अस्तित्व बनाए रखने के संघर्ष के बीच अहम है।

आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने इस साल जून में कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) में समूह की हिस्सेदारी सरकार या किसी अन्य इकाई को सौंपने की पेशकश की थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कंपनी का अस्तित्व बना रहे।

एयरटेल के सीईओ ने कहा, "मुझे लगता है कि सिर्फ राष्ट्रीय दृष्टिकोण से, एक ऐसी उद्योग संरचना सही होगी जहां तीन कंपनियां न केवल बनी रहें, बल्कि प्रगति करें और निश्चित रूप से सरकारी कंपनी हमेशा मौजूद रहे।"

विट्टल ने कहा, "मुझे लगता है कि एक देश के रूप में हमें तीन कंपनियों की जरूरत है... यह 1.3 अरब लोगों के साथ काफी बड़ा देश है, जो इस बाजार में तीन (निजी) कंपनियों को आसानी से समायोजित कर सकता है।"

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