नयी दिल्ली, 15 सितंबर भारत ने वियतनाम, लाओस और म्यांमा को एक बड़े तूफान के प्रभाव से निपटने में मदद पहुंचाने के लिए रविवार को ‘सद्भाव’ अभियान के तहत जरूरी राहत सामग्री भेजी।
इस साल एशिया का सबसे शक्तिशाली तूफान बताए जा रहे ‘यागी’ के प्रभाव से म्यांमा, लाओस और वियतनाम के विभिन्न हिस्से भयंकर बाढ़ की चपेट में हैं।
दक्षिण चीन सागर में उठे इस तूफान के प्रभाव से एक सप्ताह पहले भूस्खलन की घटनाएं हुई जिसके कारण वियतनाम में 170 से अधिक और म्यांमा में लगभग 40 लोगों की जान चली गई।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘‘अभियान सद्भाव’’ भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के अनुरूप आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन) क्षेत्र में मानवीय सहायता और आपदा राहत में योगदान देने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।
भारत ने वियतनाम को 10 लाख अमेरिकी डॉलर और लाओस को एक लाख अमेरिकी डॉलर की मानवीय राहत सहायता भेजी है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि राशन, कपड़े और दवाइयों समेत 10 टन राहत सामग्री नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा से म्यांमा भेजी गयी है।
भारतीय वायु सेना के एक सी-17 सैन्य परिवहन विमान ने लाओस में 10 टन राहत सामग्री पहुंचाई, जबकि वियतनाम को 35 टन सहायता भेजी जा रही है।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘भारत ने अभियान सद्भाव शुरू किया है। तूफान यागी से प्रभावित लोगों के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए, भारत म्यांमा, वियतनाम और लाओस को सहायता भेज रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सूखा राशन, कपड़े और दवाइयों सहित 10 टन सहायता आज भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा से म्यांमा भेजी गयी।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘वायुसेना का विमान वियतनाम के लिए 35 टन सहायता लेकर जा रहा है जिसमें जल शोधन सामग्री, पानी के कंटेनर, कंबल, रसोई के बर्तन, सौर लालटेन शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ लाओस के लिए 10 टन सहायता भेजी जा रही है जिसमें जेनसेट, जल शुद्धिकरण सामग्री, स्वच्छता सामग्री, मच्छरदानी, कंबल और ‘स्लीपिंग बैग’ शामिल हैं।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने तूफान यागी के कारण आई बाढ़ के मद्देनजर आपातकालीन मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए ‘अभियान सद्भाव’ शुरू किया है।
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