जरुरी जानकारी | भारत डब्ल्यूटीओ में कृषि मुद्दों पर चर्चा के लिए मार्गदर्शक-केंद्रित प्रक्रिया से असहमत

नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर भारत ने सोमवार को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में कृषि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए मार्गदर्शक की अगुवाई वाली प्रक्रिया अपनाए जाने को लेकर आपत्ति जताई।

एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मार्गदर्शक (फेसिलिटेटर) की अगुवाई में संचालित की जाने वाली यह प्रक्रिया मंत्रिस्तरीय बैठक के निर्णयों को कमजोर कर वार्ता को पीछे ले जा सकती है।

यह मुद्दा जिनेवा में डब्ल्यूटीओ में कृषि के लिए समर्पित प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों (एचओडी) की एक बैठक के दौरान उठा।

मार्गदर्शक की अगुवाई वाली प्रक्रिया में विशिष्ट लक्ष्यों को हासिल करने के लिए गतिविधियों या प्रक्रियाओं के जरिये लोगों के एक समूह का मार्गदर्शन किया जाता है।

अधिकारी ने कहा कि भारत ने व्यापक कृषि वार्ता से अलग विशेष सत्रों में सार्वजनिक भंडारण (पीएसएच), विशेष सुरक्षा प्रणाली (एसएसएम) और कपास के मुद्दों जैसे अनिवार्य मामलों पर विचार करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है।

जिनेवा स्थित अधिकारी ने कहा, ''भारत ने ऐसा महसूस किया है कि मार्गदर्शक के नेतृत्व वाली प्रक्रिया संभावित रूप से मंत्रिस्तरीय जनादेश को कमजोर करेगी और यह वार्ता को पीछे ले जाएगी।''

भारत ने मार्गदर्शक मॉडल में पारदर्शिता, तटस्थता और समावेशी चर्चा के बारे में भी चिंता जताई और नए आधार बनाने के खिलाफ चेतावनी दी, क्योंकि इससे वार्ता अधिक जटिल हो जाएगी।

भारत के रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला ने कहा कि प्रस्तावित प्रक्रिया पीछे ले जाने वाली नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है।

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