नयी दिल्ली, 12 दिसंबर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि विपक्षी दलों को वायनाड की भूस्खलन त्रासदी पर राजनीति नहीं करनी चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस हादसे के बाद सजग और संवेदनशील थी तथा उसने राज्य को पूरी सहायता उपलब्ध कराई।
राय ने सदन में ‘आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि विपक्ष को मोदी सरकार के सहयोग को स्वीकार करना चाहिए।
कई विपक्षी सांसदों ने विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने वायनाड की त्रासदी के पीड़ितों के लिए उचित सहायता प्रदान नहीं की है।
इसी मुद्दे पर वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
राय ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट रूप से कई बार कह चुका हूं और गृह मंत्री भी स्पष्ट रूप से बता चुके हैं कि किस प्रकार से मोदी सरकार सजग और संवेदनशील रही। प्रधानमंत्री स्थिति पर नजर रखे हुए थे, गृह मंत्री जी केरल के मुख्यमंत्री के संपर्क में थे।’’
उन्होंने कहा कि यह सरकार आपदा के बाद नहीं, पहले ही चिंता करती है।
मंत्री का कहना था, ‘‘कोई भी ऐसा राज्य नहीं है जिसके पास एसडीआरएफ कोष की राशि उपलब्ध नहीं हैं। राशि पहले दिए जाने का मकसद यही है कि आपदा के समय राज्यों के पास राशि मौजूद रहे...सभी राज्यों के पास कितने पैसे हैं, मैं सभा पटल पर इसका रिकॉर्ड रखता हूं।’’
विपक्षी सदस्यों की टोका-टोकी के बीच राय ने कहा, ‘‘राज्य सरकार के सहयोग से इनकार नहीं कर रहा हूं, आपको भी मोदी सरकार के सहयोग को खारिज नहीं करना चाहिए। इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह संवेदनशील मामला है।’’
उनके मुताबिक, हादसे के समय केरल के पास कुल मिलाकर 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि उपलब्ध थी।
उनका कहना था, ‘‘केंद्र सरकार जो सहायता देती है वो सहायता राशि है, मुआवजा नहीं है।’’
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