देश की खबरें | गैर-शुल्क बाधाएं दूर करने, ऊर्जा व संपर्क में संबंध प्रगाढ़ करने पर भारत, बांग्लादेश सहमत

नयी दिल्ली, 27 मार्च भारत और बांग्लादेश ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिये गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता पर शनिवार को जोर दिया। दोनों देश ऊर्जा और संपर्क के क्षेत्र में अधिक से अधिक सहयोग तथा व्यापक आर्थिक साझेदारी अनुबंध (सीईपीए) पर अध्ययन तेजी से पूरा करने पर भी सहमत हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के बीच ढाका में बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में इसकी जानकारी दी गयी। बयान में कहा गया कि बांग्लादेश ने जूट मिलों में भारतीय निवेश की मांग की और भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की।

संयुक्त बयान के अनुसार, ‘‘दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिये दोनों प्रधानमंत्रियों ने गैर-शुल्क बाधाओं को हटाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। द्विपक्षीय व्यापार को पनपने के लिये दोनों नेताओं ने व्यापार नीतियों, नियमों और प्रक्रियाओं को अनुमानयोग्य बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।’’

बांग्लादेश ने भारतीय सीमा शुल्क की उस नयी नीति से छूट की मांग की, जो उत्पाद के लिये संबंधित देश से जारी उत्पत्ति प्रमाणपत्र के सत्यापन पर जोर देता है। भारत ने बांग्लादेश से विभिन्न मंत्रालयों और बांग्लादेश सरकार की एजेंसियों द्वारा जारी निविदाओं में भाग लेने के लिये भारतीय कंपनियों से पाबंदियां हटाने का आग्रह किया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिये समन्वित तरीके से भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों / भूमि बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को बेहतर बनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।

बयान के अनुसार, ‘‘दोनों पक्षों ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) में प्रवेश करने की संभावनाओं पर चल रहे संयुक्त अध्ययन के शीघ्र निष्कर्ष पर जोर दिया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने शामिल सभी पक्षों के लाभ के लिये क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण की सुविधा के मद्देनजर संपर्क बढ़ाने के महत्व को दोहराया।’’

बयान के अनुसार, ‘‘दोनों पक्षों ने निजी क्षेत्रों के बीच बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में मजबूत सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। नेपाल और भूटान सहित उप-क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की गयी और इस संबंध में ऊर्जा में सहयोग को रेखांकित किया गया।’’

भारत ने कटिहार-परबतपुर-बोरनगर सीमा आरपार बिजली इंटरकनेक्शन के कार्यान्वयन के लिये तौर-तरीकों को जल्द अंतिम रूप देने का अनुरोध किया।

बयान के अनुसार, ‘‘दोनों पक्षों ने भारत बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन और मैत्री सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की इकाई -1 के कार्यान्वयन में प्रगति का जायजा लिया। दोनों पक्षों ने इन परियोजनाओं को जल्द ही चालू किये जाने की आशा व्यक्त की ।’’

दोनों देशों के बीच यात्रियों और माल की बेहतर आवाजाही व आवागमन को आसान बनाने के लिये दोनों नेताओं ने बीबीआईएन (बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल) मोटर वाहन अनुबंध को समझौता ज्ञापनों पर तेजी से हस्ताक्षर के माध्यम से शीघ्रता से अमल में लाने की सहमति व्यक्त की।

बांग्लादेश ने भद्रपुर-बैरागी गलगलिया, बिराटनगर-जोगमनी और बीरगंज-रक्सौल के अतिरिक्त भूमि बंदरगाहों को बंगलाबांधा-फुलबाड़ी और बिरोल-राधिकापुर के साथ वैकल्पिक मार्गों के रूप में जोड़ने की अनुमति की मांग की।

भारत से बिरलानगर-जोगमनी के साथ बिरोल-राधिकापुर और रोहनपुर-सिंघाबाद रेल-इंटरचेंज को जोड़ने पर भी विचार करने का अनुरोध किया गया, क्योंकि यह बांग्लादेश से नेपाल तक रेल द्वारा माल के परिवहन की दूरी और लागत को कम करने में मदद करेगा।

बांग्लादेश ने भूटान के साथ रेल संपर्क को सुविधाजनक बनाने के लिये नवनिर्मित चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी मार्ग के माध्यम से भूटान के साथ रेल संपर्क की मांग की।

भारत ने बांग्लादेश से गुवाहाटी और चटोग्राम और मेघालय के महेंद्रगंज से पश्चिम बंगाल में हिली तक संपर्क स्थापित करने में बांग्लादेश को सहयोग करने को कहा। बांग्लादेश ने इस संबंध में भारतीय पक्ष से विस्तृत प्रस्ताव का अनुरोध किया।

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