शिमला, 15 अगस्त हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को 77वां स्वतंत्रता दिवस बेहद सादगी से मनाया गया और आधिकारिक एवं जिला स्तर के समारोहों में पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हुए क्योंकि राज्य में लगातार बारिश के कारण हुई मौतों और विनाश पर शोक है।
राज्य का आधिकारिक समारोह मनाली से शिमला स्थानांतरित कर दिया गया और इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की। सुक्खू ने तिरंगा फहराया और परेड का निरीक्षण किया।
पिछले तीन दिनों से हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश हुई है, जिससे भूस्खलन और बादल फटने से कई सड़कें अवरुद्ध हो गईं और घर गिरने की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई है।
बचाव कार्य में लगे पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल ने परेड में हिस्सा नहीं लिया।
मुख्यमंत्री ने शहीदों के लिए राशि 20 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने, मनरेगा श्रमिकों की दैनिक मजदूरी 224 रुपये से बढ़ाकर 240 रुपये और आदिवासी क्षेत्रों में 280 रुपये से बढ़ाकर 294 रुपये करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 6 वर्ष तक के बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए 50 करोड़ रुपये की लागत वाली एक योजना की घोषणा की। उन्होंने बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के तहत सेब, आम और लीची की खरीद कीमतों को 1.50 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे 10.50 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये करने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि इस मॉनसून मौसम में 24 जून से अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और बुनियादी ढांचे को नुकसान से उत्पन्न चुनौतियों का साहसपूर्वक और दृढ़ संकल्प के साथ मुकाबला किया है।
उन्होंने केंद्र सरकार से तुरंत राहत राशि जारी करने का आग्रह करते हुए कहा, "नुकसान और क्षति गंभीर है और हम केंद्र सरकार से उदार सहायता की उम्मीद कर रहे हैं।"
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)