कोलकाता, 10 सितंबर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) का दायरा धीरे-धीरे बढ़ रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के कई उपक्रम अपने पेंशन कोष को इसमें डाल रहे हैं। यह बात पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन एस. बंद्योपाध्याय ने बृहस्पतिवार को कही।
वह इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईआईसी) के एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।
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उन्होंने कहा कि देश में हालांकि, पेंशन योजना की पहुंच काफी कम है लेकिन अब कई केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम अपने सेवानिवृत्ति इत्यादि से जुड़े कोष को एनपीएस में डाल रहे हैं।
बंद्योपाध्याय ने कहा कि इसमें लाभार्थियों को अच्छा लाभ मिल रहा है। सरकार के कोष पर चक्रवृद्धि ब्याज दर 9.95 प्रतिशत वार्षिक है जबकि इक्विटी शेयरों में मात्र 15 प्रतिशत पूंजी का ही निवेश किया जाता है।
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उन्होंने कहा, ‘‘ आजकल कई कॉरपोरेट कंपनियां भी अपने कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति लाभ को महत्व दे रही हैं। करीब 7,900 कॉरपोरेट ने एनपीएस प्रणाली को स्वीकार किया जिसमें 10 लाख अंशधारकों के साथ 50,000 करोड़ रुपये का कोष है।’’
बंद्योपाध्याय ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा कंपनियों को एनपीएस में शामिल करने के लिए जागरुकता लाने की जरूरत है।
अटल पेंशन योजना के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े पांच साल में 20 लाख लोग इससे जुड़े और इनकी कुल संख्या 2.45 लाख है।
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