जरुरी जानकारी | कोविड-19 के बढ़ते मामलों, आर्थिक वृद्धि की चिंता से बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 335 अंक लुढ़का

मुंबई, 30 जुलाई वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों से देश के शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गयी और बीएसई सेंसेक्स 335 अंक लुढ़क कर 37,736.07 अंक पर बंद हुआ।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नरम रुख के बावजूद निवेशक कोविड-19 के बढ़ते मामलों और आर्थिक वृद्धि में गिरावट को लेकर चिंतित हैं।

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तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेसेंक्स 335.06 अंक यानी 0.88 प्रतिशत की गिरावट के साथ 37,736.07 अंक पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 100.70 अंक यानी 0.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,102.15 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान इंडसइंड बैंक को हुआ। इसमें 5.62 प्रतिशत की गिरावट आयी। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, पावरग्रिड, एसबीआई, बजाज फिनसर्व और भारती एयरटेल में भी गिरावट दर्ज की गयी।

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दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में सन फार्मा, मारुति, इन्फोसिस और रिलायंस इंडस्ट्रीज रही जिसमें 3.44 प्रतिशत तक तेजी रही।

कारोबारियों के अनुसार जुलाई महीने के वायदा एवं विकल्प खंड में अंतिम दिन सौदों को पूरा करने के लिये की गयी खरीद-बिक्री से भी बाजार में उतार-चढ़ाव आया।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने उम्मीद के अनुरूप नीतिगत दर को शून्य के करीब बरकरार रखा और कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये बांड खरीद तथा नकदी बढ़ाने के अन्य उपायों को जारी रखने को लेकर प्रतिबद्धता जतायी।

हालांकि, फेडरल रिजर्व के नरम रुख का वैश्विक शेयर बाजारों पर असर नहीं पड़ा। निवेशकों के बीच अमेरिका, यूरोप तथा अन्य क्षेत्रों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता अधिक है।

घरेलू बाजार में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने बुधवार को बैंक प्रमुखों से मजबूत कर्ज वृद्धि के लिये कामकाज के तरीकों पर गौर करने को कहा। साथ ही उन्होंने कर्ज फंसने की आशंका में उन प्रस्तावों को ठुकराने से मना किया जिस पर ऋण दिया जा सकता है।

सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के प्रमुखों के साथ करीब तीन घंटे चली बैठक में प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार वित्तीय क्षेत्र की मदद के लिये हर कदम उठाने को तैयार है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर को यथावत रखने के बावजूद वैश्विक बाजारों में कमजोर करोबारी परिदृश्य और कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता कारोबारी धारणा पर छाई रही। भारतीय बाजार भी बढ़त के साथ खुलने के बावजूद गिरावट के साथ बंद हुये।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अनलॉक तीन के तहत विभिन्न क्षेत्रों में और ढील के बावजूद भी उत्साह नहीं आया। निवेशकों की नजर कंपनियों के तिमाही परिणाम पर है और बाजार में वायदा एवं विकल्प खंड में अंतिम दिन उतार-चढ़ाव आया।’’

दुनिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई, हांगकांग और जापान का तोक्यो नुकसान में रहे जबकि दक्षिण कोरिया का सोल बढ़त के साथ बंद हुआ। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में नुकसान दर्ज किया गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 1.27 प्रतिशत घटकर 43.53 डॉलर प्रति बैरल रहा।

इधर, विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे की गिरावट के साथ 74.84 पर बंद हुआ।

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोविड-19 मामलों की संख्या एक दिन में पहली बार 50,000 को पार कर गयी। इससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15,83,792 हो गयी है। हालांकि, इसमें से 10 लाख से अधिक ठीक हो चुके हैं। वहीं इस संक्रमण से 34,968 लोगों की मौत हो चुकी है।

वैश्वि स्तर पर कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 1.68 करोड़ को पार कर गयी है जबकि 6.61 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है।

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