सरकारी अस्पताल में COVID-19 मरीजों के पास रखे गए शव, BJP ने की बीएमसी की आलोचना

मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों के पास कथित तौर पर इस संक्रमण से मरने वाले लोगों के शव रखे दिखाई देने वाला एक वीडियो सामने आया है जिसके बाद बीजेपी के एक विधायक ने शिवसेना के शासन वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका पर निशाना साधा है.

भारतीय जनता पार्टी (Photo Credits: IANS)

मुंबई, 7 मई: मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों के पास कथित तौर पर इस संक्रमण से मरने वाले लोगों के शव रखे दिखाई देने वाला एक वीडियो सामने आया है जिसके बाद बीजेपी के एक विधायक ने शिवसेना के शासन वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका पर निशाना साधा है. वीडियो पर बरसते हुए बीजेपी विधायक नितेश राणे ने कहा कि यह दिखाता है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (Brihanmumbai Municipal Corporation) मरीजों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं देती है.

इस वीडियो में मुंबई के सायन इलाके में लोकमान्य तिलक म्युनिसिपल जनरल अस्पताल में इलाज करा रहे कोविड-19 (Covid-19) मरीजों के पास कथित तौर पर कुछ शव रखे दिखाई दे रहे हैं. राणे ने बुधवार रात को टि्वटर पर इस वीडियो को टैग किया. बीजेपी नेता ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘सायन अस्पताल ने कोविड-19 बीमारी से मरने वाले लोगों के शवों के साथ इस बीमारी के मरीजों को रखकर घोर लापरवाही बरती है. बीएमसी सबसे अमीर नगर निकाय होने का दम भरता है लेकिन मरीजों की सुरक्षा की तरफ कोई ध्यान नहीं देता.’’

यह भी पढ़ें: COVID-19 वैश्विक महामारी के बीच प्रवासी श्रमिकों को लेकर रात 8 बजे दिल्ली से रवाना होगी पहली विशेष ट्रेन

उन्होंने कहा कि सायन के अस्पताल में ज्यादातर मरीज धारावी से आते हैं जो देश की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती है. उन्होंने कहा, ‘‘इस तरीके से हम अपने कामकाजी वर्ग से पेश आते हैं? चिकित्सा कर्मियों और सायन अस्पताल की ऐसी लापरवाही से कोरोना वायरस संक्रमण और अधिक फैल सकता है.’’

वीडियो के सामने आने के बाद विवाद उत्पन्न होने पर अस्पताल के डीन डॉ. प्रमोद इंगले ने कहा कि कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के रिश्तेदारों ने शवों को ले जाने से इनकार कर दिया है.

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए शवों को ऐसे रखा गया. हमने अब शवों को हटा दिया है और मामले की जांच कर रहे हैं.’’

यह पूछने पर कि शवों को मुर्दाघर क्यों नहीं ले जाया गया, इस पर इंगले ने कहा, ‘‘अस्पताल के मुर्दाघर में 15 निर्धारित जगह हैं जिनमें से 11 पहले ही भरी हुई हैं. अगर हम सभी शवों को मुर्दाघर में रखते तो इससे कोविड-19 के अलावा अन्य बीमारियों से मरने वाले लोगों के शवों के लिए परेशानी पैदा होगी.’’ बुधवार तक मुंबई में कोविड-19 के 10,527 मामले सामने आए और 412 लोगों की मौत हुई.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

Share Now

\