पटना, छह सितंबर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ अतीत में रहे अपने गठबंधन को ‘गलती’ बताते हुए शुक्रवार को कहा कि यह चूक उनसे दो बार हुई, लेकिन अब और नहीं होगी।
जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष कुमार ने एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की जहां उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ मंच साझा किया।
जद (यू) अध्यक्ष ने भाजपा के साथ अपने संबंधों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘हमारे संबंध 1990 के दशक से हैं। बिहार में जितना अच्छा काम हुआ है, हमारे नेतृत्व में हुआ है।’’
नीतीश की पार्टी का नाम पहले समता पार्टी था।
उन्होंने राजद का नाम लिए बिना कहा, ‘‘मुझसे पहले जो लोग सत्ता में थे, उन्होंने कुछ नहीं किया। दो बार उनके साथ जाना मेरी गलती थी। लेकिन मैं उस गलती को दोहराना नहीं चाहता। मैं यहीं (राजग में ही) रहूंगा।’’
जनवरी में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव के दौरान खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ रैलियों में कहा था कि वह अब हमेशा भाजपा के साथ रहेंगे।
भाजपा इस बार के लोकसभा चुनाव के बाद निचले सदन में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई और सत्ता में बने रहने के लिए जद (यू) जैसे घटक दलों पर निर्भर है। भाजपा के प्रति निष्ठा की कुमार की नवीनतम घोषणा लालू प्रसाद के बेटे और उनके उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव के साथ उनकी हालिया मुलाकात की पृष्ठभूमि में आई है। जद (यू) और राजद की गठबंधन सरकार में तेजस्वी राज्य के उप मुख्यमंत्री रहे थे।
तेजस्वी यादव ने सफाई दी कि वह राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाते एक बैठक में शामिल होने गए थे और मीडिया के एक वर्ग ने कयास लगाने शुरू कर दिए कि कुमार फिर से ‘पलटी’ मार सकते हैं।
नीतीश कुमार पिछले एक दशक में छह बार इस्तीफा देकर दोबारा मुख्यमंत्री बन चुके हैं।
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