लाहौर, 22 अप्रैल पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान को परोक्ष रूप से चेतावनी दी है। इमरान खान ने उन लोगों को चुनाव कराकर ‘भूल सुधारने’ की चेतावनी दी है, जो उन्हें सत्ता से बेदखल करने में शामिल रहे।
इमरान ने कहा कि यदि चुनाव नहीं कराया गया तो उनके समर्थक राजधानी पहुंचकर ‘आयातित’ सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। वह लाहौर में बृहस्पतिवार रात को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की रैली को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान इमरान ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली नयी गठबंधन सरकार और नयी सरकार को सत्ता में लाने वालों पर निशाना साधा। इमरान सरकार को 10 अप्रैल को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पास करके बेदखल कर दिया गया था।
सैन्य प्रतिष्ठान का परोक्ष रूप से संदर्भ देते हुए खान ने कहा, ‘‘ जिन लोगों ने मेरी सरकार को बेदखल करने की भूल की है, उन्हें बिना देर किये नये सिरे से चुनाव कराकर अपनी भूल सुधारनी चाहिये।’’ उन्होंने पाकिस्तान के लोगों से कहा कि वे राजधानी पहुंचने से पहले उनकी अपील का इंतजार करें।
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए इमरान खान ने बुधवार को आरोप लगाया था कि ताकतवर प्रतिष्ठान के ‘बुरे काम’ में लिप्त कुछ तत्व उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए जिम्मेदार हैं।
अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधते हुए खान ने कहा कि जो लोग अगले चुनाव में इन ‘देशद्रोहियों’ को वोट देंगे, वे भी देशद्रोही होंगे। इमरान ने पाकिस्तान के विपरीत भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना की।, ‘‘भारत की विदेश नीति अपने लोगों के लिए है। हमारी विदेश नीति दूसरों के लिए कैसे हो सकती है।’’ उन्होंने इससे पहले भी अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के लिए कई मौकों पर भारत की प्रशंसा की है।
सत्ता से बेदखल करने के लिए मौजूदा सरकार को फटकार लगाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि उन्होंने सांसदों की अंतरात्मा को खरीदा और ‘विदेशी शक्तियों के जूते पॉलिश’ किए।
इमरान ने कहा कि जिस दिन वह सत्ता में आए, उनका लक्ष्य पाकिस्तान को एक स्वतंत्र विदेश नीति देना था। उन्होंने अपनी आजादी वापस लेने का ऐलान करते हुए कहा कि विदेशी शक्तियों को दंडित करके उन्हें पीछे धकेल दिया जाएगा।
इमरान ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि वह रूस से 30 प्रतिशत रियायती दरों पर तेल और गेहूं आयात करने की योजना बना रहे थे, लेकिन उनकी सरकार को एक सुनियोजित साजिश के माध्यम से नीचे लाया गया जिसमें अमेरिका और स्थानीय पात्र शामिल थे।
पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी मांग की कि शीर्ष अदालत पत्र मामले (लेटर गेट) की जांच करे, जिससे पता चलता है कि अमेरिका द्वारा उनकी सरकार को हटाने के लिए एक बड़ी साजिश रची गई थी।
उन्होंने कहा कि वह पत्र की जांच के लिए एक आयोग गठित करने के शहबाज शरीफ के प्रस्ताव को खारिज करते हैं।
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