लाहौर, 30 नवंबर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने विरोध प्रदर्शन का स्थान डी-चौक से बदलकर इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में करने पर सहमति जताई थी लेकिन उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। एक मंत्री ने शनिवार को यह जानकारी दी।
खान फिलहाल जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) ने 24 नवंबर को पार्टी कार्यकर्ताओं के धरना-प्रदर्शन का आह्वान किया था। पार्टी कार्यकर्ता अवरोधक पार करते इस्लामाबाद पहुंचे, जहां मध्य रात को कार्रवाई में चार लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
हालांकि, पीटीआई ने दावा किया कि सुरक्षाकर्मियों के साथ हिंसक झड़पों में ‘‘सैकड़ों’’ लोग मारे गए।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सियालकोट में मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार ने पीटीआई को कई वैकल्पिक विरोध स्थल की पेशकश की और 72 वर्षीय खान ने प्रस्ताव पर सहमति जता दी थी।
उन्होंने बताया कि वहां पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहुंचे और बाद में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई जिसके बाद बुशरा बीबी खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के साथ चली गईं।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक खबर के अनुसार आसिफ ने पीटीआई नेतृत्व की आलोचना की और कहा कि वास्तविक प्रतिरोध का सामना करने पर पार्टी नेता मौके से भाग गए।
इस्लामाबाद तक मार्च का नेतृत्व कर रही बीबी और गंडापुर के ठिकानों के बारे में चिंताओं के बीच पार्टी ने कहा कि वे उत्तर-पश्चिमी प्रांत के एबटाबाद के निकट मनसेहरा कस्बे में हैं।
आधी रात की कार्रवाई के कारण खान के समर्थकों को राजधानी के डी-चौक और उसके आस-पास के मुख्य व्यापारिक जिले को खाली करना पड़ा और अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करना पड़ा। उनकी पार्टी ने इसे ‘‘फासीवादी सैन्य शासन’’ के तहत ‘‘नरसंहार’’ बताया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कार्रवाई के दौरान करीब 450 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।
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