मुंबई, छह अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में नकद धन की आरामदायक स्थिति के कारण मौद्रिक नीति का लाभ ग्रहाकों तक अब पहले से अच्छे ढंग से पहुंच रहा है तथा बैंकों ने पिछले 17 महीनों के दौरान कज की दरों में प्रतिशत 1.62 अंक की कटौती कर कर्जदारों को फायदा पहुंचाया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने नकदी की आरामदायक स्थिति का बचाव करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र की संस्थाओं को नीति से फायदा मिला है।
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दास ने कहा कि दरों में अत्यधिक कटौती के साथ जो उपाए किए गए, उनसे भी नीतिगत दरें तेजी से बैंकों की वास्तविक उधारी में परिलक्ष्यित हुई हैं। इससे अर्थव्यवस्था को भी मदद मिली।
इस समय कुल अतिरिक्त नकदी पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
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आरबीआई गवर्नर ने कहा कि गौरतलब है कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा दरों में कटौती का संचरण अब तक हासिल की गई सीमा तक संभव नहीं होता, यदि नकदी की आरामदायक स्थिति न होती।
आरबीआई ने फरवरी 2019 से अब तक अपनी नीतिगत ब्याज दर प्रतिशत 2.5 अंक नीचे कर चुका है । इसमें 1.15 अंक की कटौती इसी साल हुई है।
दास ने कहा मौद्रिक संचरण में भी काफी सुधार हुआ है। फरवरी 2019 से जून 2020 के दौरान बैंकों द्वारा मंजूर किए गए रुपये में अंकित ऋणों पर भारित औसत ब्याज दर (डब्ल्यूएएलआर) में प्रति सैकड़ा 1.62 अंक की कमी हुई है, जिसमें मार्च-जून 2020 के दौरान 0.91 अंक की कमी देखी गई।
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