बीजिंग, 15 अप्रैल कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये कम गुणवत्ता वाले मेडिकल उपकरणों के चीन से निर्यात के बारे में बढ़ती शिकायतों के बीच चीन ने बुधवार को सभी देशों को ये सामग्री सरकार द्वारा मंजूरी प्राप्त प्रतिष्ठित चीनी कंपनियों से ही आयात करने को कहा। साथ ही, नकली उत्पाद बनाने में शामिल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी संकल्प लिया है।
कोरोना वायरस महामारी से दो महीने से अधिक समय की लड़ाई के बाद चीन में कल-कारखाने फिर से खुल गये हैं। अब चीन अहम मेडिकल सामग्री, खासतौर पर वेंटीलेटर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का भारत सहित विश्व भर में निर्यात करने के व्यापारिक अवसर का लाभ उठाने में जुट गया है।
भारत सहित दुनिया भर से निजी और सरकारी संस्थाएं इन उत्पादों के लिये आर्डर कर रहे हैं।
उत्पादों की गुणवत्ता के बारे में कई देशों के चिंता जताए जाने के बारे में सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन सरकार व्यवस्थित निर्यात को प्रोत्साहित कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि विदेशी खरीदार उन कंपनियों से उत्पादों को चुनेंगे जिन्हें अच्छे उत्पाद की विश्वसनीयता के लिये चीनी नियामक से मान्यता प्राप्त है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में कई देशों ने चीन से मेडिकल सामग्री खरीदी है। अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करते हुए हम विश्वसनीयता वाली कंपनियों और उत्पादों के निर्यात के मामले में प्रतिष्ठित कंपनियों की सहायता कर रहे हैं।’’
खराब गुणवत्ता के निर्यातों के बारे में विभिन्न देशों से मिली शिकायतों पर उन्होंने कहा कि स्थानीय चीनी दूतावासों ने इसे सत्यापित किया और ऐसी शिकायतों का जवाब दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कहना चाहुंगा कि गुणवत्तापूर्ण मेडिकल सामग्री की आपूर्ति लोगों के जीवन एवं स्वास्थ्य से जुड़ी हुई हैं। हम उस पर अत्यधिक ध्यान देंगे। जब गुणवत्ता में कोई समस्या आएगी तब हम शीघ्रता से उसकी जांच करेंगे और दंडित करेंगे।’’
बीजिंग में नियुक्त भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने मंगलवार को कहा था कि भारत ने चीन से 1.5 करोड़ पीपीई, 30 लाख जांच किट खरीदने के आर्डर दिये हैं।
इस बीच समाचार एजेंसी एपी की एक खबर के मुताबिक कोविड-19 के तीन संभावित टीके चीन और अमेरिका में स्वयंसेवियों में शुरूआती जांच में तेजी से प्रगति पथ पर हैं, लेकिन अभी उन्हें लंबा सफर तय करना होगा।
चीन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि चीन की कंपनी कानसीनो बायोलॉजिक्स ने अपने टीके का दूसरा चरण शुरू किया है।
वहीं, अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ और मोडेरना इंक भी इस मामले में ज्यादा पीछे नहीं हैं। पिछले महीने एक प्रायोगिक टीका लेने वाला व्यक्ति मंगलवार को दूसरी खुराक के लिये सिएटल क्लीनिक पहुंचा।
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