नयी दिल्ली, 10 दिसंबर दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) वहनीयता के लिहाज से भारत के विश्वविद्यालयों में अग्रणी स्थान पर है और दुनिया भर में इसका स्थान 255 से बढ़कर 171वें स्थान पर पहुंच गया है। मंगलवार को घोषित क्यूएस रैंकिंग में यह जानकारी दी गई।
क्यूएस की वहनीयता रैंकिंग (2025) में भारत के कुल 78 विश्वविद्यालयों को जगह मिली है। इसमें 10 संस्थानों में से नौ की रैंकिग में सुधार हुआ है और 21 नए संस्थान इस सूची में शामिल हुए हैं।
पर्यावरणीय प्रभाव के लिए आईआईटी दिल्ली और आईआईटी कानपुर दुनिया के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल हुए हैं।
बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान को पर्यावरण शिक्षा के लिए दुनिया के शीर्ष 50 संस्थानों की सूची में जगह मिली है।
लंदन में रह रहे क्यूएस के उपाध्यक्ष बेन सॉटर ने कहा, ‘‘क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग (2025) में शामिल 78 भारतीय विश्वविद्यालयों में से 34 ने पिछले वर्ष की तुलना में सुधार किया है तथा आठ का स्थान इस बार भी बरकरार रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह भारतीय उच्च शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे यह पता चलता है कि भारतीय विश्वविद्यालय वहनीयता के लिए अपनी पहलों पर काम कर रहे हैं।’’
सॉटर ने कहा, ‘‘सामाजिक प्रभाव की श्रेणी में शामिल होने के लिए भारत के विश्वविद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण, शिक्षा और समानता के क्षेत्र में सुधार कर सकते हैं क्योंकि इस श्रेणी में कोई भी संस्थान शीर्ष 350 में शामिल नहीं है। भारत के विश्वविद्यालयों ने ज्ञान का आदान-प्रदान, रोजगार एवं परिणाम के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया है।’’
क्यूएस की 2025 की रैंकिंग में 107 देशों तथा क्षेत्रों के 1,740 से अधिक विश्वविद्यालय शामिल हैं जबकि पिछले साल 95 स्थानों के केवल 1397 संस्थानों को जगह मिली थी। इससे पता चलता है कि इस साल की क्यूएस रैंक में बढ़ोतरी हुई है।
क्यूएस रैंकिंग में इस साल टोरंटो विश्वविद्यालय को शीर्ष स्थान मिला है जबकि ईटीएच ज्यूरिख दूसरे स्थान पर है तथा स्वीडन का लुंड विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बर्कले (यूसीबी) तीसरे स्थान पर हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)