श्रीनगर, 16 नवंबर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर अभिव्यक्ति की आजादी को अवरुद्ध करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा।
पीडीपी ने अपने न्यूजलैटर ‘स्पीक अप’ के नवंबर के अंक में लिखा, ‘‘नौ भारतीय पत्रकारों को मनमाने तरीके से गिरफ्तार किया गया और उनमें से छह कश्मीरी हैं। हमने भारतीय लोकतंत्र का जन्म होते तो नहीं देखा लेकिन अगर हालात नहीं बदले तो हम लोकतंत्र की मौत जरूर देखने को मजबूर होंगे। पत्रकारों का मुंह बंद करने के बाद वे अब सरकारी कर्मचारियों के पीछे पड़े हैं और केंद्र सरकार ने उन्हें किसी भी प्रदर्शन में शामिल होने या आवाज उठाने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।’’
पीडीपी ने यह भी कहा कि कश्मीरियों को युद्धग्रस्त फलस्तीन के लिए अपनी चिंता जाहिर करने या फलस्तीनियों के लिए सामुदायिक प्रार्थना करने की अनुमति नहीं दी गई।
पार्टी ने कहा, ‘‘अगर आपको लगता है कि सेंसरशिप केवल भारतीय मुद्दों पर लागू होती है, तो फिर से सोचें। इतिहास में पहली बार, भारत ने खुले तौर पर इजराइल समर्थक रुख अपनाया है और कश्मीरियों को फलस्तीन के लिए प्रदर्शन करने से रोका गया है।’’
उसने कहा, ‘‘दुनिया ने देखा कि सभी राष्ट्रीयताओं और धर्मों के लाखों लोग फलस्तीन के लिए विरोध में सामने आए, लेकिन कश्मीरी उपदेशकों को हमारे फलस्तीनी भाइयों के लिए सामुदायिक प्रार्थना करने की भी अनुमति नहीं दी गई।’’
पीडीपी ने कहा, ‘‘स्वाभाविक है कि भाजपा अत्याचारों के खिलाफ इसलिए नहीं बोल रही क्योंकि वे नोट्स बनाने में व्यस्त हैं ताकि वे इजराइल से सीखकर जम्मू कश्मीर में अपने अभियान को दुरुस्त कर सकें।’’
निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए पार्टी ने कहा कि आयोग कहता रहता है कि जम्मू कश्मीर में चुनाव तब होंगे जब उसे सही समय लगेगा।
पार्टी ने कहा कि वह केंद्र सरकार को मार्टिन लूथर किंग के शब्दों की याद दिलाना चाहती है कि ‘‘सही काम करने के लिए वक्त हमेशा सही होता है।’’
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