Sanjay Raut on Eknath Shinde: अगर एकनाथ शिंदे अड़े रहते तो भाजपा ने उनके बिना शपथ ग्रहण की योजना बना ली थी; संजय राउत

मुंबई, 6 दिसंबर : शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को दावा किया कि एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेनी पड़ी, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं ने योजना बनाई थी कि अगर वह ‘अड़े’ रहते हैं तो नयी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को उनके बिना आगे बढ़ाया जाएगा. राउत ने नयी दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि महायुति को भारी बहुमत मिलने के बावजूद राज्य सरकार के पास अब तक पूर्ण मंत्रिमंडल नहीं होना यह दर्शाता है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भारी जनादेश के बावजूद भाजपा को सरकार बनाने में 15 दिन लग गए.

राउत ने दावा किया, ‘‘एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेनी पड़ी. भाजपा ने एकनाथ शिंदे के बिना ही शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने की योजना बनाई थी. अगर उन्होंने भाजपा पर दबाव बनाने के लिए अड़ियल रवैया अपनाया होता, तो पार्टी के शीर्ष नेताओं ने (राज्य नेतृत्व को) उनके बिना ही शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने के लिए सूचित कर दिया था.’’ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार शाम मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित भव्य समारोह में तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए. यह भी पढ़ें : Maruti Suzuki Price Hike: जनवरी 2025 में महंगी हो जाएंगी मारुति सुजुकी की कारें, ऑडी, BMW और मर्सिडीज ने भी बढ़ाईं कीमत

शिंदे पहले उपमुख्यमंत्री के तौर पर काम करने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन भाजपा और उनकी पार्टी के विधायकों के आग्रह के बाद वे इसमें शामिल हो गए. उन्होंने इस बात पर चुप्पी बनाए रखी थी कि वे नयी सरकार का हिस्सा होंगे या नहीं. शपथ ग्रहण समारोह से कुछ घंटे पहले ही शिवसेना के एक विधायक ने पुष्टि की कि शिंदे उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. राउत ने आरोप लगाया कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर राज्य में ‘‘बदले की राजनीति’’ में शामिल है. शिंदे पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कुछ चेहरों पर खुशी नहीं दिखी. उन्होंने कहा, ‘‘जब 2019 में उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब भी यही चेहरे उदास थे.’’