श्रीनगर, आठ नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि अगर जम्मू कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने देश की ‘‘संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाला’’ अपना आचरण जारी रखा तो वह केंद्र शासित प्रदेश में समानांतर सरकार चलाएगी।
विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब अध्यक्ष ने हमारे विधायकों को बाहर निकलवाया तो हमने बाहर समानांतर विधानसभा चलायी। हमने अपने क्षेत्रों के मुद्दे उठाए और मीडिया ने इसे कवर किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अध्यक्ष को इस समानांतर विधानसभा को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यदि आपका व्यवहार भारतीय अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देता है, तो हम समानांतर सरकार चलाएंगे और यह उन्हें मेरी चेतावनी है।’’
शर्मा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जिस तरह से विधानसभा का संचालन किया, वह निंदनीय है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इसकी निंदा करते हैं। यह जम्मू-कश्मीर विधानसभा के इतिहास का सबसे काला दिन होगा। विधानसभा का गठन लोगों ने इस उम्मीद के साथ किया था कि पानी, बिजली, अस्पताल और शिक्षा से जुड़ी उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।’’
शर्मा ने कहा, ‘‘लेकिन अध्यक्ष ने एक विशेष पार्टी के एजेंट के रूप में काम किया और अलोकतांत्रिक तरीके से असंवैधानिक एवं अवैध कार्य किया।’’
उन्होंने कहा कि सभी विधायक अपने क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर सदन में आए थे लेकिन ‘‘सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की अलगाववादी मानसिकता ने प्रस्ताव लाकर सदन की गरिमा को गिराया है।’’
शर्मा ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि अध्यक्ष कह रहे हैं कि विशेष दर्जे की मांग अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग है। वह नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को देश में लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर ने हटाया और उच्चतम न्यायालय ने इस मामले का निपटारा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 अब इतिहास बन चुका है। वे अनुच्छेद 370 की तुलना विशेष दर्जे जैसे शब्द से कर रहे हैं, जो संविधान में है ही नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं (मुख्यमंत्री) उमर अब्दुल्ला को चुनौती देता हूं कि अगर संविधान में जम्मू-कश्मीर के संबंध में विशेष दर्जे का शब्द कहीं भी मिलता है तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।’’
भाजपा नेता ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस विशेष दर्जे के नाम पर यहां सड़कों पर हिंसा शुरू करना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘विशेष दर्जे के तहत कश्मीरी पंडितों को पलायन करने पर मजबूर किया गया, आसिया, नीलोफर की हत्या कर दी गई, तुफैल मट्टू की हत्या कर दी गई और हाजी यूसुफ को मुख्यमंत्री के घर में मार दिया गया। वे इस तरह का विशेष दर्जा वापस चाहते हैं।’’
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