आइसलैंड की सरकार ने फिर से फिन व्हेल के शिकार का रास्ता साफ कर दिया है. इन व्हेलों को मारने पर दो महीने की अस्थायी पाबंदी लगाई गई थी. अब सरकार ने प्रतिबंध खत्म करने की घोषणा की है.इन दिशानिर्देशों के तहत जितना संभव हो, व्हेलों की पीड़ा कम करने के लिए उन्हें जल्द-से-जल्द मार देने की बात कही गई है.
लंबाई में 20 मीटर से अधिक पहुंच सकती हैं. आइसलैंड ने इनका शिकार 20 साल के विराम के बाद 2006 में फिर शुरू किया था. अंतर्राष्ट्रीय व्हेलिंग आयोग एक वैश्विक संस्था है, जो व्हेल संरक्षण की दिशा में काम करती है. 1986 में व्हेल की कुछ प्रजातियां विलुप्त होने के करीब आ गईं थी, जिसके बाद आयोग ने इनके शिकार पर पाबंदी लगाई थी. हालांकि अभी भी कई प्रजातियां खतरे में हैं या विलुप्त होने के कगार पर हैं.
शिकार के तरीकों में सुधार!
आइसलैंड की सरकार ने एक रिपोर्ट में कहा था कि भाला लगने के बाद भीव्हेल को मरने में बहुत समय लग जाता है. कभी-कभी वे घंटों तक भी नहीं मरतीं, जो कि आइसलैंड के पशु कल्याण कानून का उल्लंघन है. यही कारण था कि जून 2023 में वाणिज्यिक व्हेलिंग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया. अब शिकार फिर से शुरू होगा क्योंकि एक सरकारी कार्य समूह इस नतीजे पर पहुंचा है कि शिकार के तरीकों में सुधार मुमकिन है.
इस संबंध में खाद्य, कृषि और मछली पालन मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "इससे जुड़े कायदे जारी किए जाएंगे, जिनमें शिकार के उपकरणों और तरीकों पर ज्यादा विस्तृत और सख्त नियम भी शामिल होंगे. साथ ही, निगरानी भी बढ़ाई जाएगी."
मंत्रालय ने बताया कि व्हेल का शिकार 1 सितंबर से शुरू हो जाएगा. आइसलैंड के पब्लिक ब्रॉडकास्टर ने कहा कि शिकारियों के लिए व्हेल जीवविज्ञान, दर्द बोध और तनाव से जुड़ा एक पाठ्यक्रम पूरा करना आवश्यक होगा. साथ ही, उन्हें इस बारे में विस्तृत निर्देश भी दिए जाएंगे कि कैसे भाला मारें कि व्हेल बिना तड़पे जल्दी मर जाएं.
जीवों के संरक्षण से जुड़ी संस्था "चैरिटी ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल" ने इसे "एक विनाशकारी और माफ ना किया जाने वाला फैसला" बताया है.
"क्रूर और हिंसक है व्हेलों का शिकार"
आइसलैंड के खाद्य और पशुचिकित्सा से जुड़े विभाग ने हाल ही में फिन व्हेल के शिकार की निगरानी की थी. उसने इससे जुड़े कुछ वीडियो क्लिप्स जारी किए, जो झकझोरने वाले थे. इसमें एक व्हेल की तकलीफ देखी जा सकती थी, जिसका शिकार पांच घंटे तक चला. अब शिकार से पाबंदी हटाने की घोषणा करते हुए खाद्य, कृषि और मछली पालन मंत्रालय ने कहा, "शिकार के तरीकों में बदलाव करने का एक आधार है. यह शिकार के दौरान अनियमितताओं को कम कर सकता है और इस तरह जीव के कल्याण से जुड़े पहलू में सुधार कर सकता है."
"चैरिटी ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल" ने इन तर्कों को खारिज किया है. यूरोप में संगठन के निदेशक रूड टॉमब्रोख कहते हैं, "समुद्र में व्हेलों को भाला मारा जाना, इसे क्रूर और हिंसक के अलावा कुछ और कहना मुमकिन ही नहीं है. कितना भी सुधार कर लें, लेकिन यह बात नहीं बदलेगी.व्हेल पहले ही समुद्र में प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जाल में फंस जाने और जहाजों से टकराने जैसे खतरों का सामना कर रही हैं." टॉमब्रोख कहते हैं, "आइसलैंड के पास सही फैसला लेने का एक मौका था और उन्होंने ऐसा ना करने का फैसला लिया."
आइसलैंड में व्हेल के शिकार की परंपरा सदियों पुरानी है. शिकार का मौसम पारंपरिक रूप से सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में खत्म होता है. लेकिन अब यहां भी बड़ी संख्या में लोग व्हेल शिकार की परंपरा खत्म करने के पक्ष में हैं. जून में हुए एक सर्वे में 51 फीसदी लोग शिकार के विरोध में थे और केवल 29 फीसदी ही समर्थन में थे. समर्थन करने वालों में बड़ी संख्या 60 साल से ज्यादा लोगों की थी.
दुनिया में तीन ही ऐसे देश हैं, जहां वाणिज्यिक व्हेलिंग की अनुमति है. इनमें आइसलैंड के साथ नॉर्वे और जापान भी शामिल हैं. हालांकि इसके लिए पर्यावरण कार्यकर्ता और पशु अधिकार रक्षक इनकी तीखी आलोचना करते हैं. जापान तो व्हेल के मांस का सबसे बड़ा बाजार है.
एचवी/एसएम (रायटर्स, एएफपी)