जरुरी जानकारी | आई स्क्वॉयर्ड कैपिटल बीपीसीएल के अधिग्रहण की दौड़ से बाहर

नयी दिल्ली, 12 नवंबर अमेरिका की निजी इक्विटी फर्म आई स्क्वॉयर्ड कैपिटल भारत की दूसरी सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के अधिग्रहण की दौड़ से बाहर हो रही है।

इस सौदे से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी।

आई स्क्वॉयर्ड कैपिटल अपनी भारतीय इकाई थिंक गैस के जरिये उन तीन कंपनियों में शामिल थी, जिन्होंने बीपीसीएल में सरकार की करीब 53 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी।

मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘‘कंपनी ने वित्तीय बोली में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।’’

सूत्र ने कहा, ‘‘फर्म ने अभी तक सरकार या उसके लेनदेन सलाहकार को फैसले के बारे में नहीं बताया है, लेकिन उसने आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है।’’

इस संबंध में आई स्क्वॉयर्ड कैपिटल और निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार इस तरह के घटनाक्रम से अवगत नहीं होगी, क्योंकि सिर्फ लेनदेन सलाहकार को ही ऐसे कदमों की जानकारी रहती है।

आई स्क्वॉयर्ड कैपिटल के अलावा, खनन व्यवसायी अनिल अग्रवाल के वेदांता समूह और निजी इक्विटी फर्म अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट बीपीसीएल के लिए बोली लगाने वालों में शामिल हैं।

एक अन्य सूत्र ने कहा कि आई स्क्वॉयर्ड कैपिटल और अपोलो ग्लोबल, दोनों ने बोली को वित्तीय और रणनीतिक समर्थन हासिल करने के लिए वैश्विक ऊर्जा दिग्गजों और सॉवरेन तथा पेंशन फंडों से बात की, लेकिन उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली।

सूत्र ने कहा, ‘‘एक समय तो रॉयल डच शेल भी दो पीई से बात कर रही थी, लेकिन बाद में पीछे हट गई।’’

एक तीसरे सूत्र ने कहा कि कुछ रपटों में अडाणी समूह के पीई में शामिल होने की बात सामने आई, लेकिन यह सच नहीं था।

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