
बेंगलुरु, 29 मार्च भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी.वाई विजयेंद्र ने वरिष्ठ नेता एवं विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को पार्टी से निकाले जाने में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार करते हुए शनिवार को कहा कि यह निर्णय पूरी तरह से आलाकमान ने लंबे समय तक विचार-विमर्श के बाद लिया। उन्होंने कहा कि मैने यतनाल समेत पार्टी में सभी को साथ लेकर चलने के लिए ईमानदारीपूर्वक प्रयास किए थे।
विजयेंद्र ने कहा कि उन्होंने पार्टी के हित में लगभग एक साल तक खुद और पिता (पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा) को लेकर यतनाल द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियां सहन की।
इससे पहले शनिवार को ही यतनाल ने कुछ कन्नड़ समाचार चैनलों से बात करते हुए विजयेंद्र और येदियुरप्पा पर हमला बोला।
यतनाल ने कहा कि वह कर्नाटक में वंशवाद की राजनीति, भ्रष्टाचार और समायोजन की राजनीति के खिलाफ अपनी लड़ाई की शुरुआत राज्य में यात्रा करके और लोगों के बीच जागरूकता पैदा करके करेंगे, जिसका उद्देश्य भाजपा की मूल विचारधारा को बचाना है।
उन्होंने कहा कि वह कोई नई पार्टी नहीं बनाएंगे और भाजपा को मजबूती प्रदान करने को लेकर संकल्पित हैं।
यतनाल ने कहा, "भ्रष्ट लोगों और पार्टी को अपनी निजी संपत्ति बनाने वालों को प्रदेश भाजपा से बाहर किया जाएगा और ऐसी भाजपा बनाई जाएगी जो कर्नाटक में हिंदुओं की रक्षा करेगी।"
भाजपा ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री यतनाल को पार्टी अनुशासन का बार-बार उल्लंघन करने के कारण छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया।
विजयेंद्र ने यतनाल की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "हमारे केंद्रीय नेताओं ने कई बार नोटिस जारी करके यतनाल को समझाने की कोशिश की थी। प्रदेश अध्यक्ष बनने के दो-तीन महीने के अंदर मैंने भी विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) रवि कुमार और पार्टी के अन्य नेताओं के माध्यम से उनसे संपर्क करने की कोशिश की थी, जिसका उद्देश्य पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं के हित में छोटी-मोटी उलझनों को दूर करना था।"
यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने की भी कोशिश की थी और उन्हें विधानमंडल सत्र के दौरान रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया था और उनसे कहा था कि चलिये मामले को सुलझाते हैं। मैं उम्र और अनुभव दोनों के मामले में यतनाल से कनिष्ठ हूं।"
शिकारीपुरा के विधायक विजयेंद्र ने यतनाल के निष्कासन में अपनी और येदियुरप्पा की भूमिका से इनकार करते हुए कहा, "मैंने पार्टी के हित को ध्यान में रखते हुए येदियुरप्पा के अपमान को भी सहन किया है।"
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