हैदराबाद, 13 मई सनराइजर्स हैदराबाद और लखनऊ सुपरजायंट्स के बीच शनिवार को यहां खेले गये मैच के दौरान मैदानी अंपायरों अक्षय तोत्रे, जे मदनगोपाल और टीवी अंपायर यशवंत बार्डे के नो बॉल को लेकर दिये विवादित फैसले के बाद दर्शकों के खराब बर्ताव के कारण खेल को कुछ देर रोकना पड़ा. यह भी पढ़ें: SRH बनाम LSG मैच के दौरान थर्ड अंपायर के विवादास्पद नो बॉल कॉल को ट्विटर पर फैंस ने कहा- क्लूलेस अंपायरिंग, देखें यूज़र्स रिएक्शन
यह घटना सनराइजर्स हैदराबाद की पारी के 19वें ओवर में घटी जब आवेश खान ने अब्दुल समद को गेंद बीमर की तरह फेंकी और तोत्रे ने इसे नो-बॉल नहीं करार दिया. सनराइजर्स हैदराबाद ने इसके बाद डीआरएस लिया लेकिन तीसरे अंपायर ने भी इसे वैध गेंद करार दिया.
तीसरे अंपायर के फैसले के बाद समद के साथ बल्लेबाजी कर हेनरिच क्लासेन ने मैदानी अंपायरों से बात की क्योंकि टेलीविजन रीप्ले और ‘बॉल ट्रेकर’ में गेंद बल्लेबाज कमर के साथ विकेट के ऊपर से निकलती हुई दिख रही थी.
इसके बाद लखनऊ सुपरजायंट्स के मुख्य कोच एंडी फ्लावर और मेंटर गौतम गंभीर को टीम के अन्य सदस्यों के साथ डग-आउट से उठकर सीमा रेखा के पास आ गये. वे दर्शक दीर्घा की ओर कुछ इशारा कर रहे थे.
ऐसा लग रहा था कि भीड़ में से किसी ने कुछ फेंक दिया हो. दर्शक इसके साथ ही ‘कोहली-कोहली’ का नारा लगा रहे थे। वे शायद गंभीर को चिढ़ाने की कोशिश कर रहे जिनका कुछ समय पहले भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली के साथ विवाद हो गया था.
रुकावट के कारण क्लासेन का ध्यान भटका और मैच फिर से शुरू होते ही वह आउट हो गये.
अपनी पारी के बाद उन्होंने प्रसारकों से बातचीत पर दर्शकों के व्यवहार के साथ अंपायरों के फैसले पर भी निराशा जतायी.
उन्होंने कहा, ‘‘ ईमानदारी से कहूं तो दर्शकों से निराशा हुई. आप ऐसा नहीं चाहते है. इससे मेरी लय बिगड़ी। अंपायरिंग भी अच्छी नहीं थी. ’’
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