देहरादून, 26 नवंबर सख्त भू-कानून सहित उत्तराखंड के मूल निवासियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे कार्यकर्ता मोहित डिमरी ने मंगलवार को प्रशासन द्वारा यहां शहीद स्मारक परिसर में प्रवेश से रोके जाने पर उसके बाहर भूख हड़ताल शुरू कर दी।
मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के समन्वयक डिमरी ने कहा कि यह प्रशासन का 'तानाशाही कदम' है कि उसने शहीद स्मारक के द्वार पर ताला लगा दिया है और मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात कर दिए हैं।
हालांकि, प्रशासन ने अपने इस कदम को यह कहते हुए उचित ठहराया कि शहीदों के स्मारक का उपयोग आंदोलन कार्यक्रम स्थल के तौर पर नहीं किया जा सकता।
लेकिन, डिमरी ने इसे मानने से इनकार कर दिया और ताला तोड़ने की धमकी भी दी।
स्मारक परिसर के बाहर अपने समर्थकों के साथ धरना शुरू करने के बाद डिमरी ने कहा, “यह बस हमारे आंदोलन की शुरूआत है। ज्यादा से ज्यादा लोग हमारे साथ शामिल होंगे और यह राज्य भर में फैल जाएगा और तब प्रशासन को हालात संभालना मुश्किल हो जाएगा।”
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन चलता रहेगा और अगर प्रशासन नहीं माना तो शहीद स्मारक के गेट के ताले तोड़ दिए जाएंगे।
डिमरी ने कहा कि राज्य सरकार सख्त भू-कानून लागू करने से पीछे हटा रही है और इसलिए उन्हें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है।
उनके मुताबिक, राज्य सरकार ने पहले कहा कि इसे नौ नवंबर (राज्य स्थापना दिवस) को लाया जाएगा और अब वह कह रही है कि इसे राज्य विधानसभा के बजट सत्र में लाया जाएगा ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई बार कह चुके हैं कि प्रदेश में जल्द ही कठोर भू कानून लाया जाएगा।
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