हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश), दो दिसंबर राधा स्वामी सत्संग ब्यास द्वारा यहां संचालित एक अस्पताल ने सोमवार को अपनी सेवा फिर से बहाल कर दी। एक दिन पहले, हिमाचल प्रदेश सरकार ने अस्पताल की भूमि को इसके अनुषंगी संगठन को सौंपे जाने को सुगम बनाने के लिए भूमि हस्तांतरण कानून में संशोधन करने का फैसला किया था।
लोग स्वास्थ्य जांच कराने सोमवार को भोला चैरिटेबल हॉस्पिटल पहुंचे। इस बीच, अस्पताल बंद रहने के संबंध में इसके मुख्य द्वारा पर लगाये गए नोटिस को हटा दिया गया।
अस्पताल ने उन चिकित्सा कर्मियों को वापस बुला लिया जिन्हें पूर्व में अन्य संस्थानों में भेज दिया गया था।
राधा स्वामी सत्संग ब्यास चिकित्सा उपकरणों की खरीद में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट पाने और अस्पताल की सुविधाओं को अद्यतन करने के उद्देश्य से इसे (अस्पताल को) महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को सौंपना चाहता है, जिसे वह अपना एक अनुषंगी संगठन बताता है।
इसने अस्पताल की भूमि के हस्तांतरण को सुगम बनाने में सहायता करने का अनुरोध करते हुए राज्य सरकार से संपर्क किया था लेकिन हिमाचल प्रदेश भूमि जोत सीमा अधिनियम के तहत अड़चन का सामना करना पड़ा।
दो दिन पहले, अस्पताल बंद किये जाने के चलते व्यापक प्रदर्शन हुए थे। महिलाओं सहित कई लोगों ने 25 नवंबर को अस्पताल के बाहर प्रदर्शन शुरू किया था।
प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार से अस्पताल को खोलने के लिए लिखित आश्वासन की मांग करते हुए 28 नवंबर को शिमला-धर्मशाला मार्ग को हमीरपुर के निकट अवरूद्ध कर दिया था।
हिमाचल प्रदेश भूमि जोत सीमा अधिनियम में संशोधन करने का फैसला रविवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा बुलाई गई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को संशोधन विधेयक का एक मसौदा तैयार करने और आगामी कैबिनेट बैठक में उसे प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
हमीरपुर-शिमला राजमार्ग पर स्थित 75 बिस्तरों वाला यह अस्पताल साल 2000 से मुफ्त उपचार मुहैया करा रहा है।
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