नयी दिल्ली, 29 अप्रैल भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच की समयसीमा छह महीने बढ़ाने के मकसद से उच्चतम न्यायालय का रुख करने के बाद शनिवार को कांग्रेस ने कहा कि उसे उम्मीद है कि यह कदम 'घोटाले' को दबाने का प्रयास नहीं है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय की समिति ने जब अडाणी समूह की स्टॉक बाजार की लेनदेन की जांच का आदेश दिया तो इसके बाद सेबी ने भी जांच पूरी करने के लिए समयसीमा छह महीने बढ़ाने के लिए कह दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह याद रखने की जरूरत है कि उच्चतम न्यायालय की समिति का दायरा सीमित है। वह 'एनटायर पॉलिटिकल साइंस ' कारोबारी समूह के व्यावसायिक आचरण की जांच नहीं कर सकती। उसकी जांच जेपीसी से हो सकती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद की जाती है कि सेबी की ओर से किया गया यह आग्रह इस घोटाले को हमेशा के लिए दबाने या फिर इससे जुड़ी चर्चा को खत्म करने का प्रयास नहीं है।’’ रमेश के मुताबिक सेबी प्रमुख ने समिति को बताया था कि अडाणी समूह का मामला गंभीर विषय है।
उन्होंने कहा कि इस मामले की महत्वपूर्ण विषय के तौर पर जांच करने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि बाजार नियामक सेबी ने अडाणी समूह द्वारा शेयरों की कीमत में हेराफेरी और नियामक प्रकटीकरण में चूक के आरोपों की जांच पूरी करने की समयसीमा बढ़ाने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।
सेबी ने जांच की समयसीमा छह महीने बढ़ाने का अनुरोध किया है। शीर्ष अदालत ने दो मार्च को सेबी से कहा था कि वह दो महीने के भीतर मामले की जांच पूरी करे। इसके साथ ही न्यायालय ने भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए एक समिति का गठन भी किया था।
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