नयी दिल्ली, 1 सितंबर : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुजरात में बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, टीम शीघ्र ही गुजरात के बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करेगी, जहां 25 से 30 अगस्त के बीच भारी से बहुत भारी वर्षा हुई थी. छब्बीस और 27 अगस्त को राज्य भर में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई. बयान में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने गुजरात में वर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के कार्यकारी निदेशक के नेतृत्व में एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) का गठन किया है.
मध्य प्रदेश और राजस्थान भी भारी से बहुत भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं. इस साल हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से काफी नुकसान पहुंचा है. बयान में कहा गया है कि गृह मंत्रालय इन राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में है और यदि वे व्यापक नुकसान की सूचना देते हैं तो वहां भी आईएमसीटी को भेजा जाएगा. इस मानसून के दौरान कुछ अन्य राज्य भी भारी वर्षा, बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं. बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्रभावित राज्यों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. यह भी पढ़ें : उद्धव नाम छत्रपति शिवाजी का नाम लेते, पर औरंगजेब-अफजल खान के कारनामे दोहराते हैं: मुख्यमंत्री शिंदे
बयान में कहा गया कि अगस्त 2019 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा लिये गए निर्णय के अनुसार गृह मंत्रालय ने इस वर्ष आईएमसीटी का गठन किया, जिसने बाढ़ एवं भूस्खलन प्रभावित असम, केरल, मिजोरम और त्रिपुरा राज्यों का दौरा किया तथा उनके ज्ञापन का इंतजार किए बिना मौके पर जाकर नुकसान का आकलन किया. नगालैंड के लिए भी आईएमसीटी का गठन किया गया है, जो जल्द ही राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी. बयान में कहा गया है कि अतीत में आईएमसीटी राज्य सरकार से ज्ञापन प्राप्त होने के बाद ही आपदा प्रभावित राज्यों का दौरा करती थी.