नयी दिल्ली, 23 अगस्त असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ‘पुरानी भाजपा’ बनाम ‘नयी भाजपा’ की बहस को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 'कांग्रेस-मुक्त भारत' हासिल करने के लिए कोई भी व्यक्ति ‘मिस्ड कॉल’ देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकता है।
शर्मा ने मंगलवार को असम में भाजपा के कुछ पुराने नेताओं और हाल के दिनों में पार्टी में शामिल हुए लोगों के बीच खींचतान की खबरों के बीच यह टिप्पणी की।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके पूर्ववर्ती सर्बानंद सोनोवाल, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के अलावा वह खुद भी तथाकथित 'नयी भाजपा' के लोग हैं।
भाजपा की असम इकाई में खींचतान से जुड़े सवाल पर शर्मा ने पत्रकारों से कहा, “नयी और पुरानी भाजपा जैसी कोई चीज नहीं है। अगर पार्टी ने उस तरह से सोचा होता, तो क्या आपको लगता है कि सोनोवाल या हिमंत विश्व शर्मा (असम के) मुख्यमंत्री बन सकते थे?”
भाजपा में शामिल होने से पहले शर्मा कांग्रेस का हिस्सा थे, जबकि सोनोवाल असम गण परिषद (एजीपी) से जुड़े हुए थे।
शर्मा ने दावा किया कि ‘पुरानी और नयी भाजपा’ वास्तव में एक कांग्रेस प्रायोजित खेल है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के शब्दों को याद किया कि भाजपा में शामिल नये लोग पार्टी के साथ वैसे ही जुड़ गए हैं, जैसे चीनी चाय के साथ घुल-मिल जाती है।
शर्मा ने कहा कि अगर भाजपा ‘पुरानी या नयी भाजपा’ के फलसफे पर यकीन करती, तो बीरेन सिंह, पेमा खांडू या बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री, और शुभेंदु अधिकारी विपक्ष के नेता नहीं बन पाते। भाजपा में शामिल होने से पहले सिंह और खांडू कांग्रेस का हिस्सा थे, जबकि अधिकारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से और बोम्मई जनता दल से जुड़े हुए थे।
शर्मा ने कहा, “भाजपा ने असम में दो मुख्यमंत्री बनाए और दोनों ही 'नये भाजपा' के लोग थे... भाजपा इतने बड़े दिल वाली पार्टी है।”
उन्होंने दोहराया कि इस मुद्दे को उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा ‘‘मीडिया इसे उछालना पसंद करता है, जबकि हमारे अपने कुछ लोग जब भावुक होते हैं, तब कभी-कभी इस पर कुछ बोल पड़ते हैं।’’
शर्मा ने कहा, “इस मुद्दे की कोई प्रासंगिकता नहीं है। भाजपा चाहती है कि कांग्रेस में कोई न बचे। अगर कांग्रेस-मुक्त भारत चाहिए, तो पार्टी से नये लोगों को भाजपा से जुड़ना होगा। हम भाजपा वाले चाहते हैं कि कांग्रेस का भारत में कोई अस्तित्व न बचे।”
असम के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अगर नये लोग भाजपा में आते रहेंगे, तो 'सनातन धर्म' मजबूत होगा और सभ्यता को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, “नरेन्द्र मोदी और नड्डा ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी व्यक्ति मिस्ड कॉल देकर भाजपा में शामिल हो सकता है, ताकि भारत कांग्रेस मुक्त हो सके।”
शर्मा ने कहा कि मोदी के राष्ट्रीय परिदृश्य में आने के बाद 'पुरानी और नयी भाजपा' का मुद्दा खत्म हो गया है।
उन्होंने कहा, “अगर यह मुद्दा उठाया गया, तो कांग्रेस को खुशी होगी, क्योंकि कांग्रेस से कोई भी भाजपा में शामिल नहीं होगा और पार्टी के पास उसके बैनर तले चुनाव लड़ने वाले लोग रहेंगे।”
असम से चार बार भाजपा सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेन गोहेन, प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य, पार्टी के पूर्व विधायक अशोक शर्मा कुछ ऐसे वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने भाजपा के पुराने नेताओं की कथित उपेक्षा का मुद्दा उठाया है।
शर्मा के अलावा, उनके मंत्री पीयूष हजारिका, जयंत मल्ला बरुआ और अजंता नियोग तथा कई अन्य विधायक भाजपा में शामिल होने से पहले कांग्रेस में थे, जबकि मंत्री चंद्र मोहन पटोवारी और कुछ अन्य विधायक एजीपी के साथ थे।
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