देश की खबरें | उच्च न्यायालय ने सांवला रंग के कारण पत्नी की हत्या करने के दोषी व्यक्ति की उम्र कैद की सजा को रखा बरकरार

कोलकाता, एक जुलाई कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सांवला रंग होने को लेकर अपनी पत्नी की हत्या करने वाले व्यक्ति की दोषसिद्धि और उम्र कैद की सजा को बरकरार रखने का आदेश जारी किया है।

महिला का शव 1998 में कूच बिहार जिला स्थित उसके ससुराल में फंदे से लटका पाये जाने के करीब सात महीने पहले मजीदुल मियां (दोषी) से उसकी शादी हुई थी।

यह भी पढ़े | यूपी: महिला के सामने अश्लील हरकत करने के आरोप के पुलिस वाला निलंबित, एनसीडब्ल्यू ने कार्रवाई की रिपोर्ट मांगा.

अदालत ने इस बात का उल्लेख किया कि महिला के गरीब पिता ने 11,000 रुपये नकद, चांदी के गहने, एक साइकिल और अन्य कीमती सामान 16 अक्टूबर 1997 में शादी के दौरान दोषी को दिये थे।

न्यायमूर्ति सहीदुल्ला मुंशी और न्यायमूर्ति सुभाशीष दासगुप्ता ने यह उल्लेख किया कि जब महिला शादी के बाद अपने ससुराल आई तब उसके सांवले रंग के कारण उससे उसके पति सहित सास-ससुर ने निर्ममता बरती, उसे यातना दी और उसके साथ दुर्व्यवहार किया।

यह भी पढ़े | LAC पर जारी तनाव के बीच शुक्रवार को लद्दाख दौरे पर जाएंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और आर्मी चीफ एमएम नरवणे, सुरक्षा स्थितियों का लेंगे जायजा.

महिला ने अपने पति द्वारा पिटाई किये जाने की घटना से भी कई बार मायके जाने पर अपने माता पिता को अवगत कराया।

पीठ ने कहा कि लेकिन उसके पिता ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति के कारण उसे ससुराल जाने के लिये मनाया।

दोषी की अपील को खारिज करते हुए खंडपीठ ने 25 जून को जारी आदेश में मजीदुल मियां की सत्र अदालत द्वारा दोषसिद्धि और उसे दी गई उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा।

उसे यह सजा अपनी पत्नी की हत्या करने और उसे प्रताड़ित करने को लेकर भारतीय दंड संहिता की संबद्ध धाराओं के तहत सुनाई गई थी।

पीठ ने महिला को प्रताड़ित करने के आरोपों में उसकी सास की दोषसिद्धि को भी बरकरार रखा, लेकिन उसे हत्या के आरोप से उसे बरी कर दिया।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)