जोधपुर, 20 अगस्त राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक नहर से कथित तौर पर अवैध तरीके से पानी निकालने के बारे में आरटीआई के तहत जानकारी देने से जैसलमेर पुलिस के इनकार को लेकर बृहस्पतिवार को पुलिस विभाग और राज्य के सूचना आयोग को नोटिस भेजा है।
याचिकाकर्ता बाबूराम चौहान ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने सूचना का अधिकार कानून के एक प्रावधान के तहत जानकारी देने इनकार कर दिया है, जो ऐसी किसी भी जानकारी को सार्वजनिक करने से रोकता है, जिससे मामले की जांच या अभियोजन की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती हो।
चौहान इस मामले में शिकायतकर्ता भी हैं।
याचिकाकर्ता के वकील रजक हैदर ने अदालत में दलील दी कि आवेदक ने जो सूचना मांगी है, वह इस प्रावधान के दायरे में नहीं आती क्योंकि जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र भी दायर किया जा चुका है।
याचिका के अनुसार चौहान ने जैसलमेर के रामगढ़ पुलिस थाना इलाके में एक नहर से पानी चुराने के लिये 27 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने केवल तीन लोगों के खिलाफ ही आरोप पत्र दायर किया।
याचिकाकर्ता ने आरटीआई कानून के तहत जैसलमेर पुलिस और राज्य सूचना आयोग से केस डायरी और मामले से संबंधित सभी दस्तावेजों के बारे में जानकारी मांगी थी।
जन सूचना अधिकारी ने यह कहते हुए जानकारी मुहैया कराने से इनकार कर दिया कि मामला विचाराधीन है। उन्होंने आवेदक को अदालत से दस्तावेज हासिल करने की सलाह दी।
जिले के पुलिस अधीक्षक तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी और राजस्थान सूचना आयोग ने भी आवेदक को जानकारी मुहैया नहीं कराने के फैसले को बरकरार रखा, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया।
प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई ने सचिव (गृह), एसपी और अतिरिक्त एसपी (जैसलमेर) तता राजस्थान राज्य सूचना आयोग से जवाब मांगा है।
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