उच्च न्यायालय ने दिए कांग्रेस पार्षद हत्या के गवाह की मौत मामले में सीबीआई जांच के आदेश
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने निरंजन वैष्णव की अस्वाभाविक मौत की सीबीआई जांच का मंगलवार को आदेश दिया. माना जाता है कि वह कांग्रेस पार्षद तपन कंडू की पुरुलिया जिले में की गई हत्या का प्रत्यक्षदर्शी था.
कोलकाता, 12 अप्रैल : कलकत्ता उच्च न्यायालय (Kolkata High Court) ने निरंजन वैष्णव की अस्वाभाविक मौत की सीबीआई जांच का मंगलवार को आदेश दिया. माना जाता है कि वह कांग्रेस पार्षद तपन कंडू की पुरुलिया जिले में की गई हत्या का प्रत्यक्षदर्शी था. न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने आदेश दिया कि मामले के कागजात केंद्रीय एजेंसी को सौंपे जाएं, जो पहले से ही उच्च न्यायालय के आदेश पर पार्षद की हत्या की जांच कर रही है.
कंडू की विधवा पूर्णिमा ने वैष्णव की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग करते हुए दावा किया था कि इसका सीधा संबंध झालदा नगर पालिका में कांग्रेस पार्षद की हत्या से है. कंडू की 13 मार्च को उस समय उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वह शाम की सैर पर निकले थे. उन्होंने फरवरी में हुए निकाय चुनावों में चौथी बार झालदा नगर पालिका के वार्ड नंबर 2 से जीत हासिल की थी और क्षेत्र में एक लोकप्रिय नेता थे. यह भी पढ़ें : Chhattisgarh: खैरागढ़ उपचुनाव के दौरान हंगामा, BJP प्रत्याशी को पुलिसकर्मी ने रोका, धरने पर बठ गए ‘नेता जी’
कंडू के दोस्त वैष्णव छह अप्रैल को अपने घर में मृत मिले थे. इससे दो दिन पहले ही यानी चार अप्रैल को उच्च न्यायालय की इसी पीठ ने कंडू के कत्ल की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. पार्षद की विधवा ने मामले में स्थानीय पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगाया था और अपने पति की हत्या के मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.