Tamil Nadu Police की बर्बरता! आंखों में मिर्च डालकर पीटा, शरीर पर 50 जख्मों के निशान, Ajith Kumar के PM रिपोर्ट में दिखा खौफनाक सच

Death in Tamil Nadu Police Custody: तमिलनाडु के शिवगंगा में पुलिस हिरासत में एक मंदिर के सुरक्षा गार्ड की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मृतक अजित कुमार (Ajith Kumar) की ऑटोप्सी रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दिल दहला देने वाले खुलासे हुए हैं. ये रिपोर्ट पुलिस के दावों पर गंभीर सवाल खड़े करती है और एक भयानक सच्चाई बयां करती है.

ऑटोप्सी रिपोर्ट में क्या सामने आया?

अजित कुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उनके शरीर पर 50 से ज़्यादा बाहरी चोटों के निशान मिले हैं. इनमें से ज़्यादातर गहरे लाल रंग के नील (Contusions) थे और 12 खरोंचें (Abrasions) भी थीं.

बात सिर्फ बाहरी चोटों तक ही सीमित नहीं थी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अजित के सिर, खोपड़ी, लिवर, दिल और पेट जैसे अंदरूनी अंगों में भी रक्तस्राव (Haemorrhage) यानी खून बहने की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट साफ़ तौर पर इशारा करती है कि अजित को बहुत ही बेरहमी और योजनाबद्ध तरीके से पीटा गया था.

पुलिस का दावा और असलियत

इस मामले में पुलिस विभाग ने दावा किया था कि पूछताछ के दौरान अजित को अचानक दौरा पड़ा, जिससे उसकी मौत हो गई. लेकिन ऑटोप्सी रिपोर्ट में मिली चोटें पुलिस की इस कहानी को पूरी तरह से झुठलाती हैं.

पीड़ित के भाई ने सुनाई आपबीती

मृतक अजित के भाई नवीन ने उस भयानक मंज़र के बारे में बताया. नवीन के अनुसार: "पुलिस मेरे भाई (अजित) को 27 जून को पूछताछ के लिए ले गई. जब मैं और मेरी माँ थाने पहुँचे, तो अजित ने बताया कि पुलिस उस पर गहने चोरी का झूठा आरोप लगा रही है. अगली सुबह पुलिस मुझे भी पूछताछ के लिए उठा ले गई. उन्होंने हमें बहुत बुरी तरह पीटा. मेरे भाई पर हमला करते समय उन्होंने मिर्च पाउडर का इस्तेमाल किया. उसकी आँखों, मुँह में मिर्च डाली गई. यह हमला इतना क्रूर था कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस उसे बिना किसी FIR के पूछताछ के लिए ले गई थी."

कोर्ट की कड़ी टिप्पणी और एक्शन

मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए इस क्रूरता पर गहरा सदमा जताया. जजों ने इसे 'राज्य द्वारा अपने ही नागरिक की हत्या' करार दिया. कोर्ट ने कहा कि एक आम कातिल भी किसी पर इतनी बेरहमी से हमला नहीं करता.

मामले पर बढ़ते राजनीतिक और न्यायिक दबाव के बाद, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केस की जांच CBI को सौंप दी है. शिवगंगा के एसपी आशीष रावत को पद से हटा दिया गया है और अब तक 5 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. यह घटना पुलिस हिरासत में होने वाली हिंसा और क्रूरता का एक गंभीर मामला है, जिसकी सच्चाई अब CBI की जांच में सामने आएगी.