लखनऊ, 19 मार्च इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 2020 के हाथरस मामले के आरोपी मसूद की जमानत याचिका मंजूर ली है।
इस मामले में पत्रकार सिद्दीक कप्पन और चार अन्य लोगों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। मसूद को 12 मार्च को जमानत दे दी गई थी।
न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति ए के श्रीवास्तव-प्रथम की पीठ ने मसूद की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया। इस मामले में, मसूद के साथ सिद्दीक कप्पन और अन्य आरोपियों पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था।
पीठ ने इस आदेश को पारित करते समय इस तथ्य को ध्यान में रखा कि उच्चतम न्यायालय ने पहले ही सह-अभियुक्त कप्पन को जमानत दे दी थी और अन्य सह-अभियुक्तों को उच्च न्यायालय ने ही जमानत दे दी थी।
गौरतलब है कि मसूद और कप्पन समेत अन्य पर उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने देशद्रोह, आपराधिक साजिश, आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण और अन्य अपराधों के लिए आरोप पत्र दाखिल किया था।
उन पर आरोप लगाया गया है कि वे धनशोधन संबंधी अपराधों में शामिल थे। पुलिस का आरोप है कि ये आरोपी हाथरस सामूहिक बलात्कार मामले के बाद ‘‘सांप्रदायिक दंगे भड़काना और आतंक फैलाना’’ चाहते थे।
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