नयी दिल्ली, 21 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की एक खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवायी की। इस दौरान एक न्यायाधीश चेन्नई में जबकि दूसरी राष्ट्रीय राजधानी में थीं।
रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि पीठ का नेतृत्व कर रहीं न्यायमूर्ति हिमा कोहली दिल्ली में थीं जबकि उच्च न्यायालय के नए न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. प्रसाद चेन्नई में थे।
केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा से पहले न्यायमूर्ति प्रसाद चेन्नई के लिए रवाना हो गए थे।
कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर देश की कई अदालतें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवायी कर रही हैं और दिल्ली उच्च न्यायालय ने ऐसा मार्च के अंतिम सप्ताह से करना शुरू किया था।
न्यायमूर्ति कोहली और न्यायमूर्ति प्रसाद की पीठ ने सोमवार को दो याचिकाओं पर सुनवाई की। इसमें से एक याचिका उन हजारों बेघरों, दिहाड़ी श्रमिकों को भोजन, पानी, बिजली और सफाई व्यवस्था प्रदान करने से संबंधित थी जो यहां कश्मीरी गेट पर यमुना नदी के किनारे खुले में रह रहे हैं।
पीठ ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया कि उस स्थान पर भोजन, पानी, बिजली और सफाई व्यवस्थाओं की कोई कमी नहीं हो जहां बेघर लोग रह रहे हैं।
अदालत के सामने दूसरा मामला एक गर्भवती महिला की अर्जी का था जिसने अपना गर्भपात कराने का अनुरोध किया है क्योंकि उसे कई दिक्कतें हैं और जन्म के बाद उसके बचने की संभावना बहुत धूमिल है।
दूसरी याचिका के मामले में अदालत के आदेश की प्रतीक्षा है, हालांकि इस मामले में पेश हुए वकीलों में से एक ने कहा कि पीठ ने महिला की याचिका मंजूर कर ली है।
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