उच्च न्यायालय ने भ्रूण में दुर्लभ गुणसूत्रीय गड़बड़ी रहने को लेकर गर्भपात कराने की अनुमति दी
Delhi High Court (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली, 8 जनवरी : दिल्ली उच्च न्यायालय ने 30 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था वाली एक महिला के भ्रूण में दुर्लभ गुणसूत्रीय गड़बड़ी रहने के चलते गर्भपात कराने की अनुमति दी है. साथ ही, अदालत ने कहा कि यदि महिला शिशु को जन्म देती है तो उस बच्चे/बच्ची में इस तरह की गंभीर विकृतियां होंगी जो कभी सामान्य जीवन जीने नहीं देगा.

उच्च न्यायालय ने कहा कि यदि महिला को गर्भावस्था जारी रखने के लिए मजबूर किया गया तो उसे प्रसव से पहले या उसके दौरान शिशु की मृत्यु होने का निरंतर डर बना रहेगा. यदि शिशु का जन्म हो भी जाएगा तो भी माता को कुछ महीनों के अंदर शिश की मृत्यु होने का अंदेशा बना रहेगा. यह भी पढ़ें : सूरत में जहरीले धुएं की चपेट में आकर 6 मजदूरों की मौत के मामले में 4 गिरफ्तार

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि इस समय गर्भवास्था जारी रखने से याचिकाकर्ता को कुछ खतरे हैं. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि यह याचिकाकर्ता को अपनी पसंद के चिकित्सा केंद्र में गर्भपात कराने की अनुमति देने का एक उपयुक्त मामला है. हालांकि, इसे वह अपने खुद के जोखिम पर कराएगी. ’’