विदेश की खबरें | हिज्बुल्ला ने लेबनान से सीरिया पर अमेरिकी प्रतिबंध का पालन नहीं करने को कहा

सैय्यद हसन नसरल्ला ने अमेरिका को लेबनान में डॉलर की कमी को लेकर भी दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन विदेशी मुद्रा को लेबनान में आने से रोक रहा है और सेंट्रल बैंक पर अर्थव्यवस्था में नई राशि नहीं ड़ालने के लिए दबाव बना रहा है।

उन्होंने डॉलर संकट को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा’ बताते हुए कहा कि अब यह सिर्फ आर्थिक समस्या नहीं है। डॉलर की भारी कमी और नकारात्मक आर्थिक वृद्धि की वजह से लेबनान अप्रत्याशित आर्थिक और वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। इसके बाद कोरोना वायरस महामारी को रोकने के मद्देनजर कई सप्ताह तक लागू बंद की वजह से स्थिति बिगड़ गई है।

यह भी पढ़े | चीन में फिर कोरोना का खौफ, बीजिंग एयरपोर्ट पर 1,255 फ्लाइट्स हुई रद्द.

सीरिया के खिलाफ अब तक के सबड़े कड़े नियम बुधवार से लागू हो रहे हैं और इसमें उन सभी देशों या प्रतिष्ठानों को दंडित करने की बात है जो सीरिया सरकार के साथ कारोबार करते हैं।

नसरल्लाह ने कहा कि अगर लेबनान इन प्रतिबंधों को मानता है तो उसकी स्थिति खराब हो सकती है। इस प्रतिबंध का नाम ‘अमेरिकी सीज़र सीरिया नागरिक सुरक्षा अधिनियम’ है। उन्होंने कहा कि लेबनान के दुनिया से संपर्क करने के लिए सीरिया एक मात्र भूमार्ग है इसलिए इससे कारोबार को नुकसान पहुंचेगा।

यह भी पढ़े | India-China Violent Face-Off in Ladakh: भारत और चीन के बीच हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं: अमेरिका.

यह 100 मिनट का भाषण टेलिविजन पर प्रसारित हुआ है।

उन्होंने लेबनान सरकार से अपील की कि वह इस प्रतिबंध का पालन नहीं करें क्योंकि इसका मकसद लेबनान और सीरिया के लोगों की बीच भुखमरी की स्थिति पैदा करना है। अमेरिका को संबोधित करते हुए नसरल्लाह ने कहा, ‘‘ सजा हमें दो, लेबनान की जनता को क्यों तकलीफ पहुंचा रहे हो।’’

उसने गुस्से में कहा, ‘‘ हमारे हथियार हमारे हाथों में रहेंगे। हम भूखे नहीं मरेंगे और हम तुम्हें मारेंगे।’’ नसरल्लाह ने कहा कि उनका समूह लेबनान सरकार को प्रस्ताव देता है कि वह अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए ईरान का रुख करे। उन्होंने कहा कि चीन भी लेबनान में निवेश के लिए तैयार है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)