नयी दिल्ली, सात फरवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में हुए दंगों की कथित साजिश से जुड़े यूएपीए मामले में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका पर 15 मार्च को सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने याचिका पर सुनवाई आज स्थगित कर दिया। अदालत ने कहा, ‘‘अपीलकर्ता के वकील के विशेष अनुरोध को 15 मार्च के लिए सूचीबद्ध करें।’’
इसबीच पीठ ने इसी मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युवा मोर्चा के नेता व जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र मीरान हैदर की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी।
उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए साम्प्रदायिक दंगों के मास्टरमाइंड होने के आरोप में इमाम, हैदर, उमर खालिद और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के अलावा आतंकवाद निरोधक कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
गौरतलब है कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़की थी।
हैदर के अधिवक्ता ने दलील दी कि उनका मुव्वकिल आठ प्रदर्शन स्थलों का प्रबंधन कर रहा था और कई जगहों पर ‘भाषण’ भी दिया, लेकिन यह मान लेना गलत है कि वह हिंसा भड़काने की साजिश या रणनीति का हिस्सा था।
हैदर को अप्रैल, 2020 में गिरफ्तार किया गया और सुनवाई अदालत ने अप्रैल, 2022 में उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
अर्पणा रंजन
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