नयी दिल्ली, आठ दिसंबर उच्चतम न्यायालय स्वत: संज्ञान अपीलीय अदालतों द्वारा दिए जाने वाले स्थगन आदेशों के कारण मुकदमों की सुनवाई की गति पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर नौ दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध मामलों में मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ के समक्ष ‘‘इस न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश के लिए तय किए गए मानदंड के बावजूद अपीलीय अदालतों की ओर से दिए गए स्थगन आदेशों का मुकदमों की गति पर प्रतिकूल प्रभाव’’ संबंधी याचिका पर सुनवाई शामिल है।
शीर्ष अदालत ने नवंबर 2021 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक याचिका पर विचार करते हुए अपीलीय अदालतों द्वारा दिए गए स्थगन आदेशों और मुकदमे की गति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के मुद्दे को उठाया था।
शीर्ष अदालत ने आठ नवंबर, 2021 के अपने आदेश में कहा था, ‘‘दूसरा पहलू जिससे हम चिंतित हैं, वह है अपीलीय अदालतों द्वारा दिए गए स्थगन आदेश और इस तरह मुकदमे की गति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना, बावजूद इसके कि इस अदालत ने इस तरह के स्थगन देने के लिए मानदंड निर्धारित किए हैं।’’
न्यायालय ने कहा था कि इस पहलू को न्यायिक रूप से विचार करने की आवश्यकता है, इसके लिए एक उचित याचिका को जनहित याचिका के रूप में पंजीकृत किया जाना चाहिए तथा संबंधित राज्यों और उच्च न्यायालयों को नोटिस भेजा जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने कहा था, ‘‘हम यह उचित समझते हैं कि इस पहलू को भारत के प्रधान न्यायाधीश के समक्ष उनके विचार और उचित आदेश के लिए प्रस्तुत किया जाना चाहिए, क्योंकि इसका वर्तमान मामले से कोई सीधा संबंध नहीं हो सकता है।’’
उच्चतम न्यायालय ने एक आपराधिक मामले में जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए सीबीआई द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था।
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