Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड में सुरंग बचाव अभियान में शामिल रहे हसन ने नरेला में घर की पेशकश करने पर उपराज्यपाल की आलोचना की

उत्तराखंड के सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के अभियान में शामिल ‘रैटहोल’ खनिक वकील हसन ने प्रशासन की ओर से ढहाए गए घर के बदले नरेला में ईडब्ल्यूएस फ्लैट की पेशकश करने पर शुक्रवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और भाजपा नेता मनोज तिवारी की आलोचना की.

V.K. Saxena

नयी दिल्ली, 2 मार्च : उत्तराखंड के सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के अभियान में शामिल ‘रैटहोल’ खनिक वकील हसन ने प्रशासन की ओर से ढहाए गए घर के बदले नरेला में ईडब्ल्यूएस फ्लैट की पेशकश करने पर शुक्रवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और भाजपा नेता मनोज तिवारी की आलोचना की. उन्होंने कहा कि नरेला का फ्लैट ‘‘दूर और असुरक्षित’’ है. वकील हसन के उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास इलाके स्थित घर को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने बुधवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया और हसन और उसके परिवार ने दो रात बिना छत की गुजारी. हसन ने कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी सोच इतनी छोटी है. मेरे घर की कीमत एक से 1.5 करोड़ रुपये है और वे मुझे नरेला में एक घर दे रहे हैं, जहां कुत्ते भी नहीं जाते.’’

हालांकि, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हसन को दिलशाद गार्डन में दो बेडरूम का डीडीए फ्लैट दिया जाएगा. परंतु अब तक उन्हें इसकी औपचारिक पेशकश नहीं की गई है. ध्वस्तीकरण के कुछ घंटों बाद, डीडीए अधिकारियों ने हसन को नरेला में एक ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) फ्लैट में जाने की पेशकश की, जो पूर्वोत्तर दिल्ली में खजूरी खास से बहुत दूर है. हसन अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ खजूरी खास स्थित घर में रहते थे. उत्तर पूर्वी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनोज तिवारी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि हसन के घर को लेकर कुछ ‘‘कानूनी मुद्दे’’ थे. उन्होंने कहा कि हसन को जल्द ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर दिया जाएगा. डीडीए अध्यक्ष की भी भूमिका निभा रहे सक्सेना ने कहा कि हसन को निश्चित रूप से मुआवजा दिया जाएगा और उसे एक घर दिया जाएगा. यह भी पढ़ें : Bengaluru Cafe Explosion: शिवकुमार का दावा, संदिग्ध की पहचान हो गई है

हसन ने कहा कि उसकी जड़ें खजूरी खास में हैं लेकिन जिस जगह उसे रहने की पेशकश की जा रही है वह दूर और असुरक्षित है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर नरेला में मेरे बच्चों को कुछ होता है तो न तो (मनोज) तिवारी जी और न ही एलजी(उपराज्यपाल) सर मेरी मदद कर पाएंगे. दो महीने पहले, उन्होंने (तिवारी और सक्सेना) मुझसे वादा किया था कि वे मेरे बच्चों की देखभाल करेंगे.’’ डीडीए पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए हसन ने कहा, ‘‘तिवारी जी कहते हैं कि मेरा घर अवैध था. लेकिन यहां पूरी कॉलोनी अनधिकृत है. पूरा क्षेत्र डीडीए का है, जिसने मेरा घर तोड़ दिया है क्योंकि मैं उन्हें पैसे देने में विफल रहा.’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वह मुस्लिम हैं.

हसन ने कहा, ‘‘अगर मेरी जगह कोई हिंदू भाई होता तो उसे करोड़ों रुपये और रहने के लिए बेहतर जगह मिलती. लेकिन मुझे रहने के लिए ऐसी जगह की पेशकश की जा रही है जहां घर नहीं बिक रहे हैं. उन घरों में अपराधी रह रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता सेना में थे और मेरा भाई भी हाल ही में सेना से सेवानिवृत्त हुआ है. मैं एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति हूं और आप मुझे इस तरह (मेरे घर से) बाहर नहीं निकाल सकते. मैं मरने के लिए तैयार हूं लेकिन अपनी कॉलोनी से बाहर नहीं जाऊंगा.’’ हसन की पत्नी शबाना ने कहा कि अगर स्थिति नहीं बदली तो वे भूख हड़ताल पर जा सकते हैं. उन्होंने कहा,‘‘हमारी स्थिति वैसी ही है जैसी बुधवार को थी. हम जल्द ही भूख हड़ताल पर जा सकते हैं.’’

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