विदेश की खबरें | हैरिस और पेंस के बीच उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए बहस: कोविड-19, चीन, जलवायु संबंधी मुद्दे छाए रहे

वाशिंगटन, आठ अक्टूबर अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार माइक पेंस के बीच हुई एकमात्र बहस के दौरान कोविड-19, चीन, जलवायु परिवर्तन, सुप्रीम कोर्ट के लिए उम्मीदवार और नस्लवाद के मुद्दे छाए रहे।

पेंस (61) ने पिछले चार साल में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व वाले प्रशासन के कदमों का जोरदार समर्थन किया और ‘ग्रीन न्यू डील’ समेत कुछ प्रश्नों पर हैरिस (55) को घेरने में सफल होते दिखे।

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दूसरी ओर, उपराष्ट्रपति पद के लिए भारतीय मूल की पहली उम्मीदवार हैरिस ने अपने प्रतिद्वंद्वी की चुनौती का मुस्कुराकर सामना किया और तथ्यों एवं आंकड़ों के आधार पर जवाब दिया।

यूटा की सॉल्ट लेक सिटी में 90 मिनट चली इस बहस की मध्यस्थता ‘यूएसए टुडे’ समाचार पत्र के पत्रकार सुसन पेज ने की।

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हैरिस ने कहा, ‘‘इस प्रशासन ने पुन: निर्वाचित होने का अधिकार खो दिया है।’’

पेंस ने बहस के दौरान कहा, ‘‘बाइडेन चीन के समक्ष फिर से आर्थिक आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। जब हमने कार्यभार संभाला था, उस समय हमारा आधा अंतरराष्ट्रीय व्यापार घाटा केवल चीन के साथ था।’’

हैरिस ने कोविड-19 से निपटने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन के तरीके को देश के ‘‘इतिहास में किसी प्रशासन की सबसे बड़ी असफलता’’ करार दिया।

कैलिफोर्निया से सीनेटर हैरिस ने कोविड-19 वैश्विक महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘इस प्रशासन की अयोग्यता’’ के कारण अमेरिका के लोगों को बहुत बलिदान करना पड़ा है। अमेरिका में इस संक्रमण के कारण दो लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

हैरिस ने कहा, ‘‘अमेरिकी लोगों ने हमारे देश के इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन की अब तक की सबसे बड़ी असफलता देखी है।’’

वहीं उपराष्ट्रपति माइक पेंस (61) ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प के कदमों ने सैकड़ों-हजारों अमेरिकियों की जान बचाई।

हैरिस ने संकट से निपटने की अपनी योजना के बारे में कहा कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में जो. बाइडेन की जीत होने पर उनका प्रशासन ‘‘संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाएगा, जांच करेगा, टीकाकरण करेगा और उसकी नि:शुल्क उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।’’

उन्होंने कहा कि यदि ट्रम्प प्रशासन में कोरोना वायरस का ऐसा टीका उपलब्ध हो जाता है, जिसे वैज्ञानिक सलाहकार स्वीकार नहीं करते हैं, तो वह उस टीके को स्वीकार नहीं करेंगी, लेकिन यदि डॉ. एंथनी फॉकी जैसे शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार टीके का समर्थन करते हैं, तो वह टीके का समर्थन करेंगी।

हैरिस ने राष्ट्रपति ट्रम्प पर ‘‘मित्रों को धोखा देने और तानाशाहों को गले लगाने’’ का भी आरोप लगाया।

उन्होंने ट्रम्प की विदेश नीति में उनके ‘‘एकपक्षीय रुख’’ को लेकर निशाना साधा, जिसके कारण अमेरिका ईरान परमाणु समझौते से बाहर हो गया।

पेंस ने ट्रम्प का बचाव करते हुए कहा कि उनका प्रशासन ‘‘हमारे सहयोगियों के साथ मजबूती से खड़ा रहा है’’।

उन्होंने आरोप लगाया कि बाइडेन और हैरिस कर में इजाफा करना चाहते हैं और अर्थव्यवस्था को ग्रीन न्यू डील के तहत दबा देना चाहते हैं।

हैरिस इससे संबंधित सवाल से असहज दिखीं, लेकिन फिर उन्होंने मजबूती से कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बाइडेन सत्ता में आने पर कर नहीं बढ़ाएंगे।

ग्रीन न्यू डील अमेरिका का एक प्रस्तावित पैकेज है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और आर्थिक असमानता की समस्या से निपटना है।

हैरिस ने कहा कि ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका चीन के साथ व्यापार युद्ध हार गया।

पेंस ने कहा, ‘‘चीन के साथ व्यापार युद्ध हार गए? जो बाइडेन कभी लड़े ही नहीं। वह पिछले कई दशकों से साम्यवादी चीन का समर्थन करते रहे।’’

उन्होंने कहा कि ट्रम्प के नेतृत्व वाला प्रशासन चीन के साथ संबंध सुधारना चाहता है, लेकिन वह घातक कोरोना वायरस संक्रमण के लिए अमेरिका को नुकसान पहुंचाने को लेकर चीन को ‘‘जवाबदेह’’ ठहराएगा।

हैरिस ने कहा कि बाइडेन प्रशासन जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते में शामिल होगा, जबकि मौजूदा प्रशासन विज्ञान में भरोसा ही नहीं करता।

पेंस ने इसके जवाब में कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन हो रहा है। हम विज्ञान का अनुसरण करेंगे।’’

हैरिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के उम्मीदवार की घोषणा ट्रम्प को नहीं, नवंबर में होने वाले चुनाव के विजेता को करनी चाहिए।

उन्होंने ट्रम्प के नेतृत्व वाली सरकार पर जीवनपर्यन्त नियुक्तियों के लिए ‘कोर्ट ऑफ अपील्स’ में 50 लोगों में से एक भी काले व्यक्ति को नियुक्त नहीं किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने पुलिस व्यवस्था एवं आपराधिक न्यायिक प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।

हैरिस ने कहा कि जब उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने का प्रस्ताव मिला, तो वह उनके जीवन का सबसे यादगार पल था।

उन्होंने चेन्नई में जन्मी अपनी मां श्यामला गोपालन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मुझे मेरी मां की याद आई जो 19 साल की आयु में अमेरिका आई थीं।’’

हैरिस की मां का 2009 में निधन हो गया था।

उन्होंने कहा कि आज उनकी मां उन्हें यहां देखकर गौरवान्वित होतीं।

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