नयी दिल्ली, 26 अप्रैल आतिथ्य उद्योग के संगठन होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) ने होटल संपत्तियों के लिए बीमा प्रीमियम की दरों को 2018-19 के स्तर पर लाने की मांग की है।
एचएआई ने मंगलवार को कहा कि उसने इस संबंध में सरकार से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। संगठन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ये दरें ढाई गुना से अधिक बढ़ गई हैं। एचएआई ने इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक ज्ञापन भी भेजा है।
आतिथ्य निकाय ने एक बयान में कहा कि बीमा कंपनियों ने सभी होटल संपत्तियों को 'उच्च जोखिम वाली संपत्तियों' के रूप में वर्गीकृत किया है।
एचएआई ने सरकार से होटल संपत्तियों के लिए ‘‘बीमा प्रीमियम दरों को वित्त वर्ष 2018-19 के स्तर पर बहाल करने’’ की अपील की है। इसके साथ ही उसने कहा कि जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (जीआईसी री) और अन्य पुनर्बीमाकर्ताओं ने वित्त वर्ष 2018-19 के मुकाबले प्रीमियम दरों को ढाई गुना से अधिक बढ़ा दिया है।
एचएआई के महासचिव एम पी बेजबरुआ ने कहा कि प्रीमियम में ढाई गुना वृद्धि होटल श्रृंखलाओं पर अतिरिक्त दबाव डाल रही है, खासकर उन लोगों पर जिन्होंने सुरक्षा और एहतियाती इंतजाम में बहुत अधिक निवेश किया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में जब होटल उद्योग पुनरुद्धार के संकेत दिखा रहा है, इस तरह की प्रीमियम दरें पूरे उद्योग के लिए झटका हैं।
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