देश की खबरें | दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में खारा है भूजल : रिपोर्ट

नयी दिल्ली, सात फरवरी केंद्रीय भूमि जल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) ने एक रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में भूजल खारा प्रकृति का है तथा राजधानी के उत्तरपूर्वी हिस्सों में भूजल में नाइट्रेट की सघनता अधिक है।

सीजीडब्ल्यूबी की भूजल वार्षिक पुस्तिका 2021-22 में कहा गया है, ‘‘मई 2021 में एकत्रित भूजल के नमूनों के रासायनिक विश्लेषण से पता चलता है कि राज्य के ज्यादातर हिस्सों में भूजल में नाइट्रेट की मात्रा 45 माइक्रोग्राम प्रति लीटर की स्वीकार्य सीमा के भीतर पायी गयी। हालांकि, दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में नाइट्रेट सघनता अधिक है।’’

इसमें कहा गया है कि शहर के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में कुछ स्थानों को छोड़कर बाकी सभी इलाकों में फ्लोराइड सघनता 1.5 माइक्रोग्राम प्रति लीटर की स्वीकार्य सीमा के भीतर पायी गयी।

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के पूर्वी हिस्सों खासतौर से यमुना के मैदानी हिस्सों के आसपास के इलाकों और दिल्ली क्वार्टजाइट रिज जोन में विद्युत प्रतिरोधकता (ईसी) शून्य से 2,250 माइक्रोसिमेंस प्रति सेंटीमीटर की स्वीकार्य सीमा के भीतर पायी गयी।

किसी जगह की विद्युत प्रतिरोधकता से उस पदार्थ द्वारा विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करने की क्षमता का पता चलता है।

जल में घुले लवणों की मात्रा का माप खारापन, सीधे विद्युत प्रतिरोधकता के आनुपातिक है।

जिन इलाकों में 3,000 माइक्रोसिमेंस प्रति सेंटीमीटर से अधिक ईसी होता है वहां क्लोराइड अधिक होता है।

इनमें से कुछ इलाकों में संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर (3,800), बवाना जल शोधन संयंत्र (4,697) और पूसा (3,871) शामिल हैं।

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